नई दिल्ली: कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि जज लोया की मौत के मामले में दाखिल जनहित याचिका को कांग्रेस हित याचिका बताते हुए कहा कि यह बीजेपी और अमित शाह का अहित करने के लिए दाखिल की गई याचिका थी। इंडिया टीवी से एक्सक्लूसिव बात करते हुए रविशंकर पर्साद ने कहा कि कोर्ट के फैसले के बाद अब न्यायपालिका की गरिमा पर इस तरह से प्रहार किया जा रहा है जो अशोभनीय है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी बार-बार जनता द्वारा हराई जा रही अब सियासत की लड़ाई कोर्ट के जरिए लड़ रही है।
उन्होंने कहा कि बिहार में चारा घोटाले में पीआईएल मैंने ही किया था जिस केस में लालू यादव जेल में हैं.. राजनीतिक लड़ाई के लिए पीआईएल नहीं है.. चुनाव में हारे हुए लोग जनहित का लबादा ओढकर राजनीति कर रहे हैं। रविशंकर प्रसाद ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने यह ध्यान दिलाया है कि पीआईएल की एक गरिमा होती है। उन्होंने कहा कि कोर्ट की गरिमा होती है उसे बनाए रखना चाहिए। जबतक कंग्रेस के मन लायक फैसला नहीं होगा तबतक कांग्रेस को यह स्वीकार नहीं होगा।
रविशंकर प्रसाद ने कहा कि यह पूरा मामला कांग्रेस द्वारा प्रायोजित था जिसपर कोर्ट ने उन्हें फटकार लगाई है। ये कौन सी बात है कि न्यायपालिका को अमित शाह नियंत्रित कर रहे हैं। अब उन्हें न्यायपालिका पर भी भरोसा नहीं है। कोर्ट के फैसले पर अशोभनीय टिप्पणी पर उन्हें माफी मांगनी चाहिए। जिन लोगों को जनता ने रिजेक्ट कर दिया वो सीधे राजनीति के मैदान में लड़ाई लड़ें न कि जनहित याचिका का सहारा लेकर कोर्ट में लड़ें।
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