मुंबई: बॉम्बे हाई कोर्ट का आदेश आने के बाद अनिल देशमुख ने गृहमंत्री पद से त्यागपत्र देने के बाद बीजेपी के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने सोमवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस किया। इस दौरान उन्होंने उद्धव सरकार को खूब घेरा। इस दौरान रविशंकर प्रसाद ने कहा कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे खामोश हैं, शरद पवार जी कहते हैं कि मंत्री के बारे में फैसला मुख्यमंत्री करते हैं। कांग्रेस शिवसेना कहती है कि एनसीपी देशमुख के बारे में फैसला लेगी। आज कमाल हो गया, वो शरद पवार जी से अनुमति लेने गए और जाकर मुख्यमंत्री जी को इस्तीफा सौंपा। देश को क्या बताया जा रहा था।
रविशंकर प्रसाद ने कहा, "उद्धव ठाकरे जी शासन करने के नैतिक अधिकार से आप वंचित हो गए हैं। आरोप है कि देशमुख ने वाजे को कहा था कि मुंबई में लगभग 1750 बार और रेस्टोरेंट हैं और आप हर महीने हमें 100 करोड़ रुपए कलेक्शन दीजिए, हमने विषय उठाया था कि यह टारगेट सिर्फ मुंबई का है तो पूरे महाराष्ट्र का क्या था और एक गृह मंत्री का इतना टारगेट था तो बाकी मंत्रियों का क्या था।"
उन्होंने आगे कहा, "दो प्रकार से उद्धव ठाकरे सरकार फंसी हुई है। एक सचिन वाजे प्रकरण तथा दूसरा उगाही प्रकरण। कोई असिस्टेंट पुलिस इंस्पेक्टर जिसे इतने महत्वपूर्ण पद दिए गए, क्राइम इवेस्टिगेशन विंग का मुखिया बनाया गया, जो कई सालों से सस्पेंड था, शिवसेना का सदस्य रहा।"
रविशंकर प्रसाद ने कहा, "हमारी अपेक्षा होगी कि सीबीआई प्रारंभिक जांच प्रामाणिकता से करेगी और जो कानून में प्रावधान है, अगर उनको लगता है कि केस है तो एफआईआर करने का उनका अधिकार है, कोर्ट ने स्वंय पाया है कि मामला गंभीर है, मुंबई पुलिस के जरिए निष्पक्ष जांच संभव नहीं।"
बता दें कि मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह के पत्र को लेकर कोर्ट ने जिस CBI जांच का आदेश दिया है, उस आदेश के बाद अनिल देशमुख को त्यागपत्र देना पड़ा है। परमबीर सिंह ने आरोप लगाया था कि अनिल देशमुख के कहने पर हर महीने कुछ पुलिस अधिकारियों को मुंबई में 100 करोड़ रुपए की वसूली के लिए कहा गया था।
इंडिया टीवी को मिली जानकारी के अनुसार एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार के घर पर हुई एनसीपी नेताओं की बैठक में अनिल देशमुख ने अपने त्यागपत्र की पेशकश की थी जिसे शरद पवार ने मंजूर किया है। इसी मंजूरी के बाद अनिल देशमुख अब मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से मिलने के लिए जा रहे हैं। अपने इस्तीफे के बारे में अनिल देशमुख ने ट्विटर पर घोषणा भी कर दी है। उन्होंने लिखा, "मेरे गृहमंत्री पदपर रहना मुझे नैतिकता के खिलाफ लग रहा है इसलिए खुद इस पद से हट रहा हूं।"
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