लखनऊ: शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिज़वी ने दावा किया है कि अयोध्या में राम मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाई गई थी। रिज़वी ने सोमवार को यहां प्रेस कॉंफ़्रेंस में कहा, ''मैं मानता हूं कि अयोध्या में राम मंदिर तोड़कर बाबरी मस्जिद बनी थी। पुरातत्व विभाग की रिपोर्ट में इसका साफ़ ज़िक्र है।''
रिज़वी ने कहा कि विवादित स्थल राम मंदिर के लिए देने और मस्जिद दूसरी जगह बनाने संबंधी याचिका जल्द ही दायर की जाएगी। उन्होंने कहा कि शरीयत मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाने की इजाज़त नहीं देता। हमने इस विवादित परिसर से अलग ज़मीन मांगी है ताकि वहां मस्जिद बनाई जा सके और भविष्य में फिर कोई विवाद न खड़ा हो।
रिज़वी ने कहा कि मीर बाकी ने यहां बल प्रयोग करके मस्जिद बनवाई थी। लोगों में वैमनस्य पैदा करने के लिए मुग़ल आक्रांताओं ने ऐसा किया था और इसका खामियाजा पीढ़ियां भुगत रही हैं। उन्होंने कहा कि कि मस्जिद की जमीन किसी और को ट्रांसफर करने की इजाजत वक्फ के नियम नहीं देते। ट्रांसफर की बात तो तब होती है जबकि वहां मौजूदा समय में मस्जिद हो। वहां तो मस्जिद है ही नहीं। वहां तो राम की मूर्ति स्थापित हो गई थी और उसकी पूजा भी हो रही थी। जब वहां मूर्ति स्थापित की गई हो तो मस्जिद नहीं हो सकती है।
शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष ने कहा कि अगर सुप्रीम कोर्ट ने हमारे सुझाव पर विचार किया और अलग से जगह दी तो हम वहां नयी मस्जिद बनाएंगे जिसका नाम मस्जिद-ए-अमन होगा।
ये पूछे जाने पर कि किया शिया बोर्ड बीजेपी के दबाव में है, रिज़वी ने कहा कि हम पर कोई दबाव नही है, हम फ़साद नहीं चाहते हैं। एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि मीर बाकी शिया था इसलिए यह शिया मस्जिद है। सुन्नी वक्फ बोर्ड के रजिस्ट्रेशन को ही चुनौती दी गई है तो यह मस्जिद उनकी कैसे होगी। इसके लिए एक एसएलपी फाइल की गई है। इसी मुकदमे के साथ उसकी भी सुनवाई होगी।
ये पूछे जाने पर कि कहीं और भी अगर सिद्ध होता है कि मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाई गई तो क्या वहां भी हक छोड़ेंगे, रिज़वी ने कहा कि इस्लाम मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाने की इजाज़त नहीं देता। विवाद में मस्जिद तुड़वाई गई हैं इसके उदाहरण हैं हालांकि ये ऐसा मसला है कि जब जो प्रकरण आएगा उसपर बात रखी जाएगी।
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