हैदराबाद: एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने गुरुवार को आरोप लगाया कि आरएसएस और भाजपा ‘बहुलतावाद’ और कानून-व्यवस्था में विश्वास नहीं करते हैं। उनकी यह टिप्पणी राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत के अयोध्या में राम मंदिर बनाने के लिए कानून बनाने की मांग के बाद आई है। संघ के स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए नागपुर में भागवत ने कहा कि राम मंदिर ‘आत्म गौरव’ के लिए और देश में ‘ सद्भावना एवं एकता के माहौल’ के लिए जरूरी है।
ओवैसी ने हैदराबाद में संवाददाताओं से कहा, ‘‘ऐसा करें। आरएसएस और उनकी सरकार को कौन राम मंदिर बनाने के लिए कानून बनाने से रोक रहा है? यह एक देश को अधिनायकवाद (शासन) में तब्दील करने का उदाहरण है। आरएसएस और भाजपा अधिनायकवाद में विश्वास करते हैं। वह ‘बहुलतावाद’ और ‘कानून-व्यवस्था’ में विश्वास नहीं करते हैं।''
लोकसभा सदस्य ओवैसी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने यह साफ तौर पर कहा है कि किसी भी खास धर्म के लिए विशिष्ट कानून नहीं बनाया जा सकता है और यह संविधान का उल्लंघन होगा। अयोध्या मामले की सुनवाई अभी सुप्रीम कोर्ट में चल रही है और इसकी अगली सुनवाई की तारीख 29 अक्टूबर है।
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