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Hindi News भारत राजनीति राम मंदिर ना बनने पर भक्तों का गुस्सा बन सकता है ज्वालामुखी: विनय कटियार

राम मंदिर ना बनने पर भक्तों का गुस्सा बन सकता है ज्वालामुखी: विनय कटियार

नई दिल्ली : भाजपा के राज्यसभा सांसद विनय कटियार ने राम मंदिर का मुद्दा उठाया है। कटियार का कहना है कि देश के आर्थिक विकास की तरह राम मंदिर मुद्दा भी जरुरी है। कटियार के

'राम मंदिर ना बना तो...- India TV Hindi 'राम मंदिर ना बना तो भक्त फिर हो सकते है हिंसक'

नई दिल्ली : भाजपा के राज्यसभा सांसद विनय कटियार ने राम मंदिर का मुद्दा उठाया है। कटियार का कहना है कि देश के आर्थिक विकास की तरह राम मंदिर मुद्दा भी जरुरी है। कटियार के मुताबिक, इस मुद्दे का हल निकालने के लिए सरकार को कानून लाना चाहिए। साथ ही, चेतावनी दी कि ऐसा न होने पर रामभक्तों का गुस्सा ज्वालामुखी की तरह फूट सकता है।

एक अंग्रेजी से बातचीत के दौरान कटयिार ने कहा, "इस मुद्दे को अभी भी इगनोर किया गया तो राम भक्तों का गुस्सा ज्वालामुखी बनकर फूट सकता है।" वहीं जब कटियार को याद दिलाया गया कि, मुद्दा सुप्रीम कोर्ट में पेंडिंग पड़ा है।

इस पर उन्होंने कहा कि, सुप्रीम कोर्ट फैसला सुनाने में अपना समय लेगा। साथ ही उन्होंने कहा कि, भाजपा के पास बहुमत है, इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले के आधार पर ये लोकसभा में कानून पास करने का अच्छा समय है। हाई कोर्ट ने अपने फैसले में विवादित स्थल को राम मंदिर बताया था।

कटियार के मुताबिक, 'रामभक्तों' को नई सरकार से काफी उम्मीदें हैं। उन्होंने कहा पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने बहुत कोशिश की, लेकिन उस समय बीजेपी के पास बहुमत नहीं था।

कटियार से जब यह कहा गया कि मोदी सरकार राम मंदिर के नाम पर नहीं, बल्कि विकास और गुड गर्वनेंस के नाम पर चुनी गई है, तो कटियार ने कहा, इस मसले को सुलझाना उतना ही जरूरी है, जितना देश के अन्य महत्तवपूर्ण आर्थिक विकास कार्य। सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार किए बिना सरकार को बातचीत और कानून का सहारा लेकर मंदिर बनवाना चाहिए।

कटियार भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के हाल ही में दिए गए बयान के संदर्भ में ही बोल रहे थे। शाह ने कहा था कि, भाजपा के पास राम मंदिर जैसे मुद्दों को संबोधित करने के लिए संसद में पर्याप्त समर्थन नहीं है।

इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने भी अयोध्या में कहा था कि सरकार इस मुद्दे पर कानून नहीं बना सकती है, क्योंकि उसके पास राज्य सभा में बहुमत नहीं है।

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