नई दिल्ली: राज्यसभा में मंगलवार को उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले के एक महिला आश्रय गृह में कथित तौर पर सेक्स रैकेट चलाए जाने को लेकर हंगामा हुआ। मामले को लेकर हंगामे की वजह से सभापति को सदन 12 बजे तक के लिए स्थगित करना पड़ा। सदन के पटल पर दस्तावेजों व बयान रखे जाने के तुरंत बाद सभापति एम.वेंकैया नायडू ने सदस्यों के आचरण के संबंध में कुछ टिप्पणियां की। इस दौरान आम आदमी पार्टी (आप) के सदस्य संजय सिंह खड़े थे। (सरकार ने माना उत्तर प्रदेश में बच्चियों के साथ जो हुआ उसके लिए प्रशासन जिम्मेदार )
वह देवरिया के मुद्दे को उठाना चाहते थे लेकिन उन्हें अनुमति नहीं दी गई। संजय सिंह का समाजवादी पार्टी के सदस्यों ने समर्थन किया। समाजवादी पार्टी के सदस्य अपनी लाल टोपी पहने हुए थे। नायडू ने संजय सिंह को उनके आचरण के लिए चेतावनी दी। नायडू ने कहा, "यह कोई तरीका नहीं है। मैं आपका नाम लूंगा।" लेकिन संजय सिंह नहीं माने और अपना विरोध जारी रखा।
इस पर सभापति ने सदन को दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया। बिहार के मुजफ्फरपुर आश्रय गृह मामले की तरह, उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले के आश्रय गृह से रविवार को देर रात 24 लड़कियों को बचाया गया। इन लड़कियों में से एक ने पुलिस के पास जाकर यौन शोषण की बात कही थी जिसके बाद लड़कियों को बचाया गया। विपक्षी पार्टियों ने संसद परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के निकट में भी इस मुद्दे पर प्रदर्शन किया।
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