Kisan Andolan: राज्यसभा में हंगामा, सदन की कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित
नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद ने कहा, "मामला गंभीर है और किसान महीनों से आंदोलन कर रहे हैं, इसलिए इस मामले पर चर्चा होनी चाहिए। यही बात बसपा नेता सतीश चंद्र मिश्रा ने भी कही थी।"
नई दिल्ली. विपक्ष के हंगामे के बीच राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने सदन को कल तक के लिए स्थगित कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन को लेकर चर्चा बुधवार को की जाएगी। इससे पहले, राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू ने मंगलवार को विपक्ष द्वारा कृषि कानूनों पर दिए गए स्थगन नोटिस को खारिज कर दिया, जिसके विरोध में विपक्ष ने वॉकआउट किया। उन्होंने कहा, "राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में किसानों के आंदोलन का जिक्र किया। मैं आज से चर्चा शुरू करना चाहता था लेकिन मुझे बताया गया कि चर्चा सबसे पहले लोकसभा में शुरू होती है। इसे ध्यान में रखते हुए हम कल राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा करने के लिए सहमत हुए हैं।"
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एम वेंकैया नायडू ने कहा, "मैंने दोहराया है कि कृषि कानूनों पर सदन में चर्चा थी। यह गलत धारणा बन रही है कि कोई चर्चा नहीं हुई। मतदान के संबंध में, लोगों के अपने तर्क हो सकते हैं लेकिन हर पार्टी ने अपना हिस्सा पूरा किया और सुझाव दिए।"
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राष्ट्रीय जनता दल के मनोज झा, कांग्रेस के गुलाम नबी आजाद, द्रमुक के टी. शिवा, बहुजन समाज पार्टी के अशोक सिद्दार्थ, माकपा के ई. करीम द्वारा नोटिस दिए गए हैं। नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद ने कहा, "मामला गंभीर है और किसान महीनों से आंदोलन कर रहे हैं, इसलिए इस मामले पर चर्चा होनी चाहिए। यही बात बसपा नेता सतीश चंद्र मिश्रा ने भी कही थी।"
विपक्ष ने राज्यसभा के कामकाज को स्थगित करने और कृषि कानूनों को निरस्त करने की भी मांग की है। इससे पहले, शुक्रवार को 18 विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार किया था। विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने गुरुवार को कहा था, "बहिष्कार का एकमात्र मुद्दा कृषि कानून हैं।"
राज्यसभा में कई विपक्षी नेताओं ने नए कृषि कानूनों पर suspension of business notices दिए हैं। नेताओं ने नियम और प्रक्रिया और व्यवसाय के आचरण के नियम 267 के तहत suspension of business नोटिस दिया। आपको बता दें कि किसान तीन नवगठित कृषि कानूनों के खिलाफ 26 नवंबर से राष्ट्रीय राजधानी की विभिन्न सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि कानून - Farmers' Produce Trade and Commerce (Promotion and Facilitation) Act 2020, the Farmers Empowerment and Protection) Agreement on Price Assurance and farm Services Act 2020 और Essential Commodities (Amendment) Act 2020 पर सारा विवाद है।
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