नई दिल्ली: केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को राज्यसभा को आश्वस्त किया कि सरकार अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के किसी भी प्रावधान को कमजोर नहीं होने देगी। सिंह ने ऊपरी सदन को प्रश्न काल के दौरान आश्वस्त किया, "किसी भी व्यक्ति या संगठन द्वारा संविधान में एससी/एसटी अधिनियम के लिए उपलब्ध संरक्षण को छीना नहीं जा सकता।"
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) सरकार ने अधिनियम को मजबूत करने के लिए हरेक कदम उठाए हैं और किसी को भी इसे कमजोर करने की इजाजत नहीं दी जाएगी। उन्होंने कहा, "2015 में हमारी सरकार ने इस अधिनियम को प्रभावी बनाने के लिए न केवल संशोधन किए, बल्कि इसे मजबूत करने के लिए नियमों में बदलाव भी किए।"
एससी/एसटी अधिनियम के विरुद्ध अपराधों में दोषी ठहराए जाने की दर में कमी के संबंध में पूछे गए प्रश्न में सिंह ने कहा कि सरकार ने इस तरह के मामलों के जल्द निपटारे के लिए 194 विशिष्ट विशेष अदालतों की स्थापना की है। उन्होंने कहा, "दोषसिद्धि की दर बढ़ेगी।"
कांग्रेस सदस्य शमशेर सिंह ढिल्लों ने आरोप लगाया था कि गत चार वर्षो में एससी और एसटी के विरुद्ध अत्याचार के मामले बढ़े हैं, जिसपर गृह राज्य मंत्री हंसराज अहीर ने राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़े के हवाले से कहा, "एससी और एसटी के विरुद्ध अपराधों में बढ़ोतरी नहीं हुई है।" अहीर ने कहा, "सरकार एससी और एसटी के विरुद्ध अत्याचार को रोकने के लिए गंभीर है।"
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