नई दिल्ली: हिमाचल और जम्मू के बाद रजनीकांत उत्तराखंड पहुंच गए हैं। रजनीकांत मंगलवार को ऋषिकेश पहुंचे और वहां अपने आध्यात्मिक गुरु दयानंद सरस्वती के आश्रम पहुंचकर उन्हें श्रद्धांजलि दी। इससे पहले वो जम्मू में बाबा भोले की शरण में शिवखोड़ी भी पहुंचे थे। रजनीकांत ने शिवखोड़ी में लगभग 2 घंटे तक भोले बाबा की साधना की थी। अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत से ठीक पहले वे अध्यात्मिक सफर पर हैं जिसके लिए वो हिमालय की यात्रा पर निकले हैं। ऋषिकेश में मीडिया से बातचीत के दौरान रजनीकांत ने फिर कहा कि वो आध्यात्मिक यात्रा पर हैं और फिलहाल राजनीति पर कोई बात नहीं करना चाहते।
रजनीकांत ने यहां संवाददाताओं से बातचीत में कहा, 'मैं स्वयं की खोज में लिए निकला हूं जो हर व्यक्ति का अंतिम लक्ष्य है।' यहां शीशमझाडी स्थित दयानंद आश्रम पहुंचने के बाद रजनीकांत ने यह बात संवाददाताओं द्वारा यह पूछे जाने पर कहा कि वह आध्यात्मिक यात्रा पर क्यों निकले हैं। इससे पहले वह उत्तराखंड के ही अल्मोडा में गुफाओं का दौरा कर चुके हैं।
राजनीति में आने की अटकलों के बीच रजनीकांत ने एक सवाल के जवाब में कहा कि वह अभी एक पूर्णकालिक राजनेता नहीं है और इसलिए राजनीति से जुडे़ किसी भी सवाल का जवाब नहीं देना चाहते। उन्होंने कहा कि उन्होंने अभी तक किसी राजनीतिक दल की घोषणा नहीं की है।
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