जयपुर: राजस्थान सरकार ने गुर्जर सहित पांच जातियों को 50 प्रतिशत की कानूनी सीमा के तहत एक प्रतिशत आरक्षण देने का फैसला किया है। प्रदेश भाजपा सरकार ने एक सकुर्लर के माध्यम से कल मंत्रिमंडल की स्वीकृति लेने के बाद इस बारे में निर्णय लिया है।
राजस्थान के संसदीय कार्यमत्री राजेन्द्र राठौड ने आज बताया कि गुर्जर सहित पांच जातियों को अति पिछडा वर्ग श्रेणी के तहत एक प्रतिशत आरक्षण देने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने बताया कि राज्यपाल की स्वीकृति के बाद इस संबंध में एक अधिसूचना जारी की जायेगी।
राजस्थान विधानसभा ने पिछले वर्ष अक्टूबर में एक विधेयक के माध्यम से गुर्जर सहित अन्य पांच जातियों को अन्य पिछडा वर्ग लोगों के साथ आरक्षण देने के लिए आरक्षण 21 प्रतिशत से बढाकर 26 प्रतिशत कर दिया था।
इससे प्रदेश में सरकारी नौकरियों और शिक्षा संस्थानों में दिया जाने वाला कुल आरक्षण बढ़कर 54 प्रतिशत पहुंच गया लेकिन उच्च न्यायालय ने इस विधेयक पर रोक लगा दी थी, बाद में उच्चतम न्यायालय ने भी सरकार को 50 प्रतिशत से अधिक आरक्षण सीमा को पार नहीं करने के निर्देश दिए थे।
वर्ष 1994 में अन्य पिछड़ा जातियों के साथ गुजर/गुर्जर, बंजारा/बालदिया/लबाना, गाडिया—लुहार/गाडिया, रायका/रेबारी और गडरिया को शामिल किया गया था।
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