अशोक गहलोत का दावा गलत, विधायकों की पूरी संख्या उनके साथ नहीं: सूत्र
राजस्थान में मचे सियासी घमासान के बीच सचिन पायलट के करीबी सूत्रों का कहना है कि अशोक गहलोत का यह दावा बिल्कुल गलत है कि विधायकों का संख्याबल पूरी तरह से उनके साथ है। सूत्रों का कहना है कि गहलोत के पास विधायकों की पर्याप्त संख्या नहीं है।
जयुपर: राजस्थान में मचे सियासी घमासान के बीच सचिन पायलट के करीबी सूत्रों का कहना है कि अशोक गहलोत का यह दावा बिल्कुल गलत है कि विधायकों का संख्याबल पूरी तरह से उनके साथ है। सूत्रों का कहना है कि गहलोत के पास विधायकों की पर्याप्त संख्या नहीं है। इनका कहना है कि मुख्यमंत्री का बैक गार्डन बहुमत साबित करने की जगह नहीं है। बहुमत विधानसभा में तय किया जाता है। यदि गहलोत के पास बहुमत है जैसा कि वे दावा करते हैं तो विधायकों की गिनती क्यों नहीं करते। विधायकों को लेकर होटल ले जाने की बजाय राज्यपाल के पासे क्यों नहीं ले गए?
आपको बता दें कि आज मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने घर पर विधायक दल की बैठक बुलाई थी। बैठक में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के प्रति समर्थन प्रकट किया गया और फिर विधायकों को जयपुर के एक होटल में ले जाया गया। इस बैठक में कुछ विधायक अनुपस्थित रहे जिनके बारे में माना जा रहा है कि वे सचिन पायलट के समर्थन में है। कांग्रेस विधायक दल की बैठक में पारित एक प्रस्ताव में बागी रुख अपनाने वाले उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट की ओर परोक्ष रूप से इशारा करते हुए कहा गया है कि अगर कोई पार्टी पदाधिकारी या विधायक इस तरह की गतिविधियों में संलिप्त पाया जाता है तो उसके खिलाफ कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई की जानी चाहिए।
विधायक दल की बैठक आरंभ होने से पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रणदीप सुरजेवाला ने सुलह की गुंजाइश होने का स्पष्ट संकेत देते हुए कहा कि पायलट और दूसरे विधायक बैठक में आ सकते हैं। हालांकि पायलट और उनके कुछ समर्थक विधायक बैठक में शामिल नहीं हुए। सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पायलट के संपर्क में हैं। इस बारे में आधिकारिक रूप से कुछ नहीं कहा गया है कि विधायक दल की बैठक में कुल कितने विधायक उपस्थित थे, हालांकि कई पार्टी नेताओं का कहना है कि 106 विधायक वहां मौजूद थे। अगर कांग्रेस नेताओं का 100 से अधिक विधायकों के विधायक दल की बैठक में मौजूद होने का दावा सही है तो फिलहाल अशोक गहलोत सरकार को खतरा नजर नहीं आ रहा है।
दूसरी तरफ, गहलोत के खिलाफ खुलकर बगावत कर चुके पायलट ने रविवार शाम दावा किया था कि उनके साथ 30 से अधिक विधायक हैं और अशोक गहलोत सरकार अल्पमत में है। वहीं, कांग्रेस के विधायकों का बसों द्वारा फेयरमॉन्ट होटल में ले जाया जाना इस बात का संकेत है कि संकट अभी खत्म नहीं हुआ है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि मौजूदा संकट के निपटने तक संभवत: ये विधायक वहीं रुकेंगे। कांग्रेस विधायक दल की बैठक में मुख्यमंत्री गहलोत के समर्थन में प्रस्ताव पारित किया और सोनिया गांधी तथा राहुल गांधी के नेतृत्व में आस्था जताई गई। मुख्यमंत्री गहलोत के सरकारी निवास पर विधायक दल की बैठक में यह प्रस्ताव पारित किया गया। बैठक में कांग्रेस तथा उसके समर्थक निर्दलीय एवं अन्य विधायक मौजूद थे। ( INPUT- ANI, PTI)
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