नई दिल्ली: कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने शुक्रवार को पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी से नई दिल्ली में मुलाकात की। कांग्रेस के इन 3 नेताओं की मुलाकात राहुल गांधी के आवास पर हुई। माना जा रहा है कि इस मुलाकात में राजस्थान के ताजा हालात को लेकर बात हुई होगी। पंजाब में सत्ता परिवर्तन के बाद अब राजस्थान में भी इसकी सुगबुगाहट सुनाई देने लगी है। पिछले कुछ दिनों के घटनाक्रमों पर नजर डालें तो पता चलता है कि राजस्थान कांग्रेस में फिलहाल सबकुछ ठीक नहीं है। सचिन पायलट और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के धड़े के नेताओं के बीच जुबानी जंग ने तेजी पकड़ ली है।
वीडियो जारी होने के बाद तेज हुई चर्चा
बता दें कि बीते 7 सितंबर को सचिन पायलट के जन्मदिन के मौके पर भारी संख्या में भीड़ उमड़ी थी और उनके समर्थन में राजधानी जयपुर में बड़े-बड़े पोस्टर लगाए गए थे। इस मौके पर पायलट के समर्थकों के एक समूह 'सचिन पायलट फैंस क्लब' ने 57 सेकंड का एक वीडियो भी जारी किया था जिसमें पायलट को राजस्थान के भावी नेता के रूप में दिखाया गया था। इसमें मौजूदा अशोक गहलोत का कोई जिक्र किए बिना राजस्थान के लिए पायलट की सोच को दिखाया गया था। इसके बाद से ही सूबे में सत्ता परिवर्तन को लेकर खींचतान का एक और दौर चलने की आशंका व्यक्त की जा रही थी, और पंजाब के प्रकरण ने इसमें तेजी ला दी है।
दोनों धड़ों के बीच जुबानी जंग जारी
बता दें कि हाल ही में प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष एवं पूर्व कैबिनेट मंत्री राजेंद्र चौधरी ने बयान दिया था कि विधानसभा चुनावों में मेहनत सचिन पायलट ने की जबकि उसका फल किसी और को मिल गया। उन्होंने कहा था कि प्रदेश बदलाव की उम्मीद लगाकर बैठा है। चौधरी ने कहा था कि सचिन पायलट ने शुरू से मेहनत की है और आम जनमानस चाहता है कि उन्हें मुख्मयंत्री बनाया जाए। वहीं, उप मुख्य सचेतक महेंद्र चौधरी ने इसके जवाब में कहा था कि राजस्थान में नेतृत्व परिवर्तन का सवाल ही नहीं उठता है, और अशोक गहलोत ही मुख्यमंत्री बने रहेंगे।
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