जयपुर. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बृहस्पतिवार को कहा कि राजस्थान में बसपा के छह विधायकों के कांग्रेस में शामिल होने को लेकर बसपा प्रमुख मायावती भाजपा के इशारे पर बयानबाजी कर रही हैं। गहलोत ने कहा, "दो तिहाई बहुमत से कोई पार्टी टूट सकती है, अलग पार्टी बन सकती है, विलय कर सकती है दूसरी पार्टी में। यहां बसपा छह के छह विधायक मिल गए हैं तो मायावती की जो शिकायत है, वह वाजिब नहीं है क्योंकि मायावती के दो विधायक अगर अलग होते तो शिकायत हो सकती थी।"
मुख्यमंत्री ने कहा, "उनके (बसपा) पूरे छह विधायक खुद अपने विवेक से हमारी पार्टी में शामिल हुए। उसके बाद कोई वाजिब शिकायत नहीं हो सकती।"
गहलोत ने आगे कहा, "मेरा मानना है कि मायावती जो बयानबाजी कर रही हैं, वह भाजपा के इशारे पर कर रही हैं। भाजपा जिस प्रकार से सीबीआई, ईडी, आयकर विभाग का दुरुपयोग कर रही है, डरा रही है, धमका रही है सबको, आप देखो राजस्थान में क्या हो रहा है।"
मुख्यमंत्री ने कहा, "मायावती भी डर रही हैं उससे, मजबूरी में वो बयान दे रही हैं।"
उल्लेखनीय है कि संदीप यादव, वाजिब अली, दीपचंद खेरिया, लखन मीणा, जोगेन्द्र अवाना और राजेन्द्र गुढ़ा ने 2018 में विधानसभा चुनाव बसपा के टिकट पर जीता था। ये सभी विधायक सितम्बर 2019 में बसपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए थे।
बसपा विधायकों के कांग्रेस में विलय से अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली राजस्थान सरकार को मजबूती मिली थी, क्योंकि 200 सदस्यीय सदन में सत्तारूढ़ दल के विधायकों की संख्या बढ़कर 107 हो गई थी।
सीएम गहलोत ने कहा कि इस मामले में भाजपा का दोहरा चेहरा भी जनता के सामने आ गया है। उन्होंने कहा, "भाजपा ने टीडीपी के चार सांसदों का राज्यसभा में रातों रात विलय करवा दिया। वह विलय तो सही है और राजस्थान के अंदर छह विधायक कांग्रेस में शामिल हो गए, वह विलय गलत है। फिर भाजपा का चाल, चरित्र, चेहरा कहां गया? मैं पूछना चाहता हूं।"
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