नई दिल्ली। राजस्थान में मंत्रीमंडल विस्तार के बाद नए मंत्रियों को विभाग बांटने पर पेंच फंस गया है, मंत्रियों को मंत्रालय राजस्थान में तय नहीं हो पाए हैं और अब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत दिल्ली के लिए रवाना हो गए हैं, दिल्ली में पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के साथ चर्चा के बाद मंत्रालय बांटे जाएंगे।
सूत्रों के मुताबिक मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का खेमा और उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट का खेमा मंत्रालयों के आबंटन को लेकर आमने-सामने हैं। सूत्रों के मुताबिक सचिन पायलट गृह और वित्त मंत्रालय लेने के लिए अड़े हुए हैं साथ में अपने खेमे के मंत्रियों के लिए ताकतवर मंत्रालय की मांग कर रहे हैं।
सूत्रों के मुताबिक सचिन पायलट सिर्फ गृह और वित्त मंत्रालय की मांग नहीं कर रहे बल्कि मुख्यमंत्री कार्यालय में अपने लिए अलग से एक कमरे की मांग भी कर रहे हैं। अभी तक सचिन पायलट को सचिवालय में जो कमरा दिया गया है वह उनको पसंद नहीं है और उस कमरे में वह बैठने के लिए वे एक बार भी नहीं गए हैं। सचिवालय में सचिन पायलट को जो कमरा दिया गया है वह कभी पूर्व राष्ट्रपति और राजस्थान के मुख्यमंत्री रह चुके भैरोंसिंह शेखावत के पास होता था।
राजस्थान में सोमवार को हुए मंत्रीमंडल विस्तार में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का खेमा उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के खेमे पर भारी पड़ता दिखा है। सूत्रों के मुताबिक मुख्यमंत्री के खेमे से ज्यादा लोगों को मंत्री बनाया गया है। कुल 23 लोगों ने मंत्रीपद की शपथ ली है और सूत्रों के मुताबिक इसमें करीब 60 प्रतिशत मंत्री अशोक गहलोत खेमे के हैं। इनमें 13 केबिनेट स्तर के मंत्री है और 10 राज्य मंत्री
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