जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के बाद राहुल गांधी के कश्मीर में हिंसा की खबर होने संबंधी टिप्पणी पर जम्मू-कश्मीर राजभवन ने राहुल गांधी पर इस मुद्दे का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाया है। राजभवन ने उनके बयान कि आलोचना करते हुए कहा कि राहुल गांधी ने कश्मीर की स्थिति के बारे में संभवत: सीमा पार से फैलाई वाली फर्जी खबरों पर टिप्पणी की थी जो कुछ छिटपुट घटनाओं के अलावा शांतिपूर्ण है।
राजभवन द्वारा जारी एक पत्र में कहा गया कि राहुल गांधी खुद विभिन्न भारतीय चैनलों के माध्यम से यह जांच कर सकते हैं जिन्होंने कश्मीर घाटी में स्थिति की सही सूचना दी है। पत्र में कहा गया कि श्री राहुल गांधी विपक्षी दलों के प्रतिनिधिमंडल को लाने की मांग करके इस मामले का राजनीतिकरण कर रहे हैं ताकि आम लोगों के लिए अशांति और समस्याएं पैदा हो सकें क्योंकि उन्होंने जम्मू-कश्मीर में दौरा करने के लिए कई शर्तें रखी हैं।
वह सरकार द्वारा बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में इस संबंध में दाखिल की गए डिटेल्ड सबमिशन की भी जांच कर सकते है। जिसे कोर्ट ने सुना और जांच के बाद इस मामले को सरकार के ऊपर छोड़ दिया है। पत्र में कहा गया कि श्री राहुल गांधी विपक्षी लीडरों के एक प्रतिनिधिमंडल को लाने की मांग करके इस मामले का राजनीतिकरण कर रहे हैं और आम लोगों के लिए अशांति और समस्याएं पैदा कर रहे हैं क्योंकि उन्होंने जम्मू-कश्मीर की यात्रा करने के लिए कई शर्तें रखी हैं। माननीय राज्यपाल ने उनके और विपक्षी नेताओं के जम्मू कश्मीर में दौरा करने के अनुरोध को स्थानीय पुलिस प्रशासन के पास भेज दिया है।
आपको बता दें कि जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के बाद राहुल गांधी के कश्मीर में हिंसा की खबर होने संबंधी टिप्पणी कर कहा था कि जम्मू कश्मीर से हिंसा की कुछ खबरें आयी हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पारदर्शी तरीके से इस मामले पर चिंता व्यक्त करनी चाहिए। इसपर राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष को घाटी का दौरा कराने और जमीनी स्थिति का जायजा लेने के लिए वह विमान भेजेंगे। राज्यपाल ने कहा कि आप एक जिम्मेदार व्यक्ति हैं और आपको ऐसे बात नहीं करनी चाहिए।’’ राज्यपाल के इस आमंत्रण को राहुल गांधी ने मंगलवार को स्वीकर करते हुए कहा था कि उन्हें विमान की जरूरत नहीं है। गांधी ने कहा कि वह और विपक्ष के अन्य नेता जम्मू कश्मीर आएंगे। उन्होंने राज्यपाल से लोगों तथा सैनिकों से मुलाकात करने की छूट देने को भी कहा।
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