नई दिल्ली: रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि रेलवे को निजी हाथों में सौंपने की कोई योजना नहीं है। गोयल ने कहा कि ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है और भविष्य में भी ऐसा नहीं होगा। वह आज एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे जिसमें उन्होंने बीते चार वर्ष में अपने मंत्रालय की उपलब्धियां गिनाई। उन्होंने रेलयात्रियों की सुविधाओं के लिए दो मोबाइल एप्लिकेशन भी लॉन्च की। इनमें से एक है रेल मदद और दूसरे मेन्यू ऑन रेल्स। रेल मदद एप के जरिए यात्री जानकारी और सुविधाओं का लाभ अपने स्मार्टफोन के जरिए उठा सकेंगे तो वहीं मेन्यू ऑन रेल्स में ट्रेन में मिलने वाले खाने के पूरे मेन्यू के बारे में जानकारी हासिल की जा सकेगी।
उन्होंने कहा, ‘‘चलिए इसे एकदम स्पष्ट कर देते हैं कि रेलवे का अभी या कभी भी निजीकरण करने की कोई योजना नहीं है।’’ रेलवे, प्रोद्यौगिकी अद्यतन जैसे क्षेत्रों में विदेशी निवेश को आमंत्रित कर रहा है लेकिन इसके कारण राष्ट्रीय परिवहन को निजी हाथों में सौंपने की चिंताएं भी उभर रही हैं। रेलवे संघों ने मंत्रालय से इस पर स्थिति साफ करने की मांग की थी।
अपने मंत्रालय की उपलब्धियां गिनाते हुए गोयल ने कहा कि नई लाइन बिछाने की औसत रफ्तार 59 फीसदी बढ़ गई है। वर्ष 2009 से 2014 के बीच यह प्रतिदिन 4.1 किमी थी जो 2014-2018 के बीच बढ़कर प्रतिदिन 6.53 किमी हो गई।
बुलेट ट्रेन परियोजना के बारे में गोयल ने कहा कि वह पटरी पर है। उन्होंने कहा, ‘‘इस देश में किसी भी विकास परियोजना या नए विचारों के साथ कोई न कोई मुद्दे जुड़े होते हैं। लेकिन हमें उनके समाधान निकालकर आगे बढ़ना होगा।’’
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