नयी दिल्ली: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कोरोना वायरस की वजह से उत्पन्न संकट से निपटने के लिए सरकार की तैयारियों पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि इस वायरस के खतरे को पहले ही गंभीरता से लेना चाहिए था। उन्होंने मास्क एवं ग्लव्स की कमी से जुड़े, एक चिकित्सक के ट्वीट को रिट्वीट करते हुए कहा, ''मुझे दुख हो रहा है क्योंकि इस स्थिति से बचा जा सकता था।'' गांधी ने कहा, ''हमारे पास तैयारी का समय था। हमें इस खतरे को ज्यादा गंभीरता से लेना चाहिए था और बेहतर तैयारी कर लेनी चाहिए थी।''
पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने इस चिकित्सक के ट्वीट का हवाला देते हुए कहा, ''प्रधानमंत्री जी, कोरोना वायरस से लड़ने की आपकी रणनीति में यही गलती है। चिकित्सकों एवं नर्सों को ताली नहीं, स्वास्थ्य सुरक्षा से जुड़े उपकरणों की जरूरत है।" उन्होंने कहा कि सरकार को चिकित्सा कर्मियों की आवाज सुननी चाहिए।
बता दें कि कोरोना वायरस के प्रकोप के चलते देश लॉकडाउन की स्थिति में है। देश में कुल 720 जिले हैं, इसमें से 560 जिलों को लॉकडाउन कर दिया गया है। उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और ओडिशा के अलावा केंद्र शासित प्रदेश लक्षदीव को छोड़ दें तो देश के 32 राज्यों में पूर्ण लॉकडाउन लागू है। इन तीनों राज्यों के 58 जिलों को लॉकडाउन किया गया है। इसके साथ ही पंजाब, महाराष्ट्र, चंडीगढ़, पुडुचेरी के अलावा मध्य प्रदेश के भोपाल और जबलपुर जिले में कर्फ्यू लगा दिया गया है।
रेलवे का परिचालन भी रोक दिया गया है सिर्फ मालगाड़ियों का चलाए जाने की अनुमति दी गई है, इसी कड़ी में नागर विमानन मंत्रालय ने ऐलान किया है कि बुधवार से भारत में किसी भी घरेलू उड़ान सेवा का परिचालन नहीं होगा। सरकार लगातार लोगों से अपील कर रही है कि बहुत जरूरी हो तभी घरों से बाहर निकलें, हांलाकि बड़ी संख्या में लोग इसका पालन कर रहे हैं फिर भी कुछ लोग सड़कों पर नजर आ रहे हैं। ऐसे में सरकार अब नियमों को लेकर थोड़ी सख्त रुप लेने की तैयारी में है।
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