नई दिल्ली: संसद के दोनों सदनों (लोकसभा एवं राज्यसभा) के कांग्रेस सदस्यों ने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में बाहों पर काली पट्टी बांध कर लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन द्वारा कांग्रेस के 25 सांसदों को निलंबित किए जाने पर विरोध जताया और संसद की कार्यवाही में हिस्सा नहीं लिया। राहुल गांधी ने कांग्रेस के 25 सांसदों को निलंबित किए जाने पर विरोध जताते हुए कहा कि, 'चाहे हमें संसद से उठाकर फेंक दिया जाए, पर पीछे नहीं हटेंगे।'
राहुल ने कहा, '' हमारे 25 सांसद तो सिर्फ सिम्बल हैं, पूरे हिंदुस्तान ऐसा किया जा रहा है। इंटरनेट, स्टूडेंट्स, किसानों के साथ यही किया जा रहा है। जमीन के मामले पर इन्होंने (मोदी सरकार) ने बहुत धमकियां दीं, चिल्लाए और फिर भाग गए। करप्शन के मामले व्यापमं, राजस्थान की चीफ मिनिस्टर और सुषमा मसले पर हम प्रेशर कम नहीं करेंगे। चाहें तो ये सबको बाहर फेंक दें फिर भी तीनों के इस्तीफे की मांग पर अभी भी हम कायम हैं। व्यापमं ने हजारों बच्चों का भविष्य बिगाड़ा है। सुषमा स्वराज ने लॉ तोड़ा और राजस्थान की चीफ मिनिस्टर ने ललित मोदी को वित्तीय मदद की।'' उन्होंने कहा, ''मैं या कांग्रेस पार्टी इस्तीफा नहीं मांग रहे, इस्तीफा देश की जनता मांग रही है। मैं केवल पीएम को बताना चाहता हूं कि उन्हें मन की बात करने की आदत है, एक बार वह हिंदुस्तान के मन की बात भी सुन लें।''
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, लोकसभा में कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और पूर्व केंद्रीय मंत्री गुलाम नबी आजाद, जयराम रमेश और अंबिका सोनी सहित कांग्रेस के अन्य सांसदों ने बांह पर काली पट्टी बांधकर संसद परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने प्रदर्शन किया।
खड़गे ने कहा, "तृणमूल कांग्रेस, वाम मोर्चा और आम आदमी पार्टी (आप) ने हमें समर्थन दिया है और कहा है कि वे लोकसभा की कार्यवाही का बहिष्कार करेंगे।"
लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने सोमवार को कांग्रेस के 25 सांसदों को जानबूझकर सदन की कार्यवाही बाधित करने और उनके द्वारा बार-बार सदन के नियमों का ध्यान रखने की चेतावनी दिए जाने के बावजूद बात न मानने के आरोप में पांच दिनों के लिए निलंबित कर दिया।
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