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Hindi News भारत राजनीति राहुल गांधी को चिदंबरम से ट्यूशन लेना चाहिए, राइट ऑफ का मतलब कर्ज माफी नहीं होता: BJP

राहुल गांधी को चिदंबरम से ट्यूशन लेना चाहिए, राइट ऑफ का मतलब कर्ज माफी नहीं होता: BJP

कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर तंज कसते हुए भाजपा ने बुधवार को कहा कि पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष को कर्ज ‘‘बट्टे खाते में डालने’’ और ‘‘माफ करने’’ के बीच अंतर समझने के लिए पूर्व वित्त मंत्री और अपनी पार्टी के सहयोगी पी चिदंबरम से ‘‘ट्यूशन’’ लेना चाहिए।

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नई दिल्ली: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पर तंज कसते हुए भाजपा ने बुधवार को कहा कि पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष को कर्ज ‘‘बट्टे खाते में डालने’’ और ‘‘माफ करने’’ के बीच अंतर समझने के लिए पूर्व वित्त मंत्री और अपनी पार्टी के सहयोगी पी चिदंबरम से ‘‘ट्यूशन’’ लेना चाहिए। भाजपा ने जोर देकर कहा कि मोदी सरकार ने किसी का ऋण माफ नहीं किया है।

भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने यहां कहा, ‘‘ राहुल गांधी को कर्ज ‘बट्टे खाते में डालने’ और ‘माफ करने’ के बीच अंतर समझने के लिए पी चिदंबरम से ट्यूशन लेना चाहिए।’’ उन्होंने ट्वीट किया ‘‘बट्टा खाता में डालना लेखांकन की एक सामान्य प्रक्रिया है और इससे चूककर्ता के खिलाफ वसूली या कार्रवाई पर रोक नहीं लगती है।’’ उन्होंने जोर दे कर कहा कि नरेन्द्र मोदी सरकार ने किसी का भी ऋण माफ नहीं किया है, राहुल गांधी समझ लें कि राइट ऑफ का मतलब माफी नहीं होता।

गौरतलब है कि राहुल गांधी ने आरटीआई के तहत पूछे गए एक सवाल के जवाब में भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा दी गई, बैंक ऋण चूककर्ताओं की सूची का जिक्र करते हुए कहा था कि उन्होंने संसद में एक सवाल में सरकार से बैंक घोटालेबाजों के नाम पूछे थे लेकिन उन्हें जवाब नहीं दिया गया।

राहुल ने ट्वीट किया था ‘‘संसद में मैंने एक सीधा सा प्रश्न पूछा था- मुझे देश के 50 सबसे बड़े बैंक चूककर्ताओं के नाम बताइए। वित्त मंत्री ने जवाब नहीं दिया। अब रिजर्व बैंक ने नीरव मोदी, मेहुल चोकसी सहित भाजपा के कई 'मित्रों' के नाम इस सूची में डाले हैं।’’

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