लंदन: कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने शनिवार को यहां कहा कि वह 1984 के सिख विरोधी दंगों के पीड़ितों के साथ हैं और हिंसा के दोषियों को कानून के अनुसार दंडित किया जाना चाहिए। राहुल गांधी ने लंदन में इंडियन जर्नलिस्ट एसोसिएशन के साथ बातचीत के दौरान कहा, "यदि किसी के खिलाफ हिंसा होती है, तो उसके लिए एक कानूनी प्रक्रिया है। कानूनी प्रक्रिया हर हाल में चलनी चाहिए और जिन लोगों ने हिंसा की है, उन्हें कानून के मुताबिक दंडित किया जाना चाहिए..और मैं इसका 100 फीसदी समर्थन करूंगा।"
शिरोमणि अकाली दल ने राहुल गांधी के इस बयान पर पलटवार करते हुए कहा है कि जख्मों पर नमक न छिड़कें। शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि राहुल गांधी ने सिख समुदाय के जख्मों पर नमक छिड़क दिया है। कांग्रेस पर निशाना साधते हुए बादल ने आरोप लगाया कि गांधी उन कांग्रेसी नेताओं को बचाने की कोशिश कर रहे हैं जो इस ‘‘नरसंहार’’ में शामिल थे।
राहुल गांधी की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है, जब एक दिन पहले उन्होंने ब्रिटिश संसद में एक चर्चा के दौरान पूछे गए एक प्रश्न से असहमति जताई थी, जिसमें पूछा गया था कि क्या कांग्रेस 1984 के सिख विरोधी दंगे में शामिल थी। राहुल ने कहा था, "मेरे मन में इस बात को लेकर कोई भ्रम नहीं है। यह एक त्रासदी थी, यह एक पीड़ादायक अनुभव था। आप कहते हैं कि उसमें कांग्रेस पार्टी शामिल थी..मैं इससे सहमत नहीं हूं। निश्चित रूप से हिंसा हुई थी, निश्चित रूप से वह त्रासदी थी।"
राहुल गांधी से शनिवार को फिर सिख विरोधी दंगे के बारे में पूछा गया। यह दंगा तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की उनके सिख अंगरक्षकों द्वारा की गई हत्या के बाद भड़का था। उन्होंने कहा, "मुझे नहीं पता कि आप लोग किस बड़े इंकार के बारे में बात कर रहे हैं। मैं बहुत साफ बोलने वाला व्यक्ति हूं और मेरे मन में कोई भ्रम नहीं है।"
गांधी ने कहा कि वह पहले भी कई मौकों पर बोल चुके हैं कि वह हिंसा को समझते हैं। उन्होंने जोर देकर कहा, "मैं किसी के भी खिलाफ हिंसा में विश्वास नहीं रखता, चाहे वह किसी धर्म के खिलाफ हो या समुदाय के खिलाफ और यह बिल्कुल स्पष्ट है।"
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