राहुल गांधी की कुर्सी पर कोहराम, छठी लाइन में SPG ने बैठाया या सरकार ने?
राहुल गांधी रिपब्लिक डे परेड में इतने पीछे बैठे थे कि उन्हें कई बार परेड में शामिल झांकियों को देखने में मुश्किल आ रही थी। राहुल गांधी के ठीक पीछे एसपीजी के जवान मुस्तैदी से खड़े रहे। उनके बगल में राज्यसभा में विपक्ष के नेता और सीनियर कांग्रेस नेता ग
नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को राजपथ पर छठी लाइन में बिठाने को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। कांग्रेस का कहना है कि मोदी सरकार ने राहुल का अपमान करने के लिए जानबूझकर उन्हें इतने पीछे बिठाया लेकिन भाजपा का कहना है कि जब केंद्रीय मंत्री पीछे बैठ सकते हैं तो राहुल के पीछे बैठने को मुद्दा बनाने की क्या जरूरत है। इस बीच ये भी खबर आ रही है कि एसपीजी के कहने पर ही राहुल गांधी को छठी लाइन में सीट दी गई है। ऐसे में अब सवाल है कि राहुल गांधी को SPG ने छठी लाइन में बिठाया या फिर सरकार ने?
राहुल गांधी रिपब्लिक डे परेड में इतने पीछे बैठे थे कि उन्हें कई बार परेड में शामिल झांकियों को देखने में मुश्किल आ रही थी। राहुल गांधी के ठीक पीछे एसपीजी के जवान मुस्तैदी से खड़े रहे। उनके बगल में राज्यसभा में विपक्ष के नेता और सीनियर कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद बैठे थे जबकि पहली पक्ति में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, एचडी देवेगौड़ा से लेकर भाजपा अध्यक्ष अमित शाह बैठे हुए थे। जिस फ्रेम में राहुल गांधी छठी पक्ति में बैठे दिख रहे थे उसी फ्रेम में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, थावर चंद्र गहलोत उनसे चार पंक्ति आगे बैठे दिखे। कई बच्चे भी राहुल गांधी से आगे बैठकर राजपथ पर निकल रहे झांकी का लुत्फ उठा रहे थे।
राहुल की सीट पर विवाद क्यों?
- राजपथ पर गणतंत्र दिवस परेड में राहुल गांधी को छठी लाइन में सीट मिली
- पहले राहुल गांधी को दर्शक दीर्घा में चौथी पंक्ति में बैठने की सीट दी गई थी
- राजपथ पर होने वाले मुख्य समारोह में सीट आवंटन रक्षा मंत्रालय करता है
- एसपीजी के कहने पर राहुल को चौथी से छठी पंक्ति में बैठाया गया- रक्षा मंत्रालय सूत्र
- मोदी सरकार ने राहुल गांधी को जानबूझकर पिछली लाइन में बिठाया- कांग्रेस
- परंपरा के मुताबिक विरोधी दल के अध्यक्ष को पहली लाइन में सीट मिलती रही है- कांग्रेस
- यूपीए की सरकार में हमारे अध्यक्ष को वीआईपी सीट नहीं दी जाती थी- भाजपा
राजपथ पर गणतंत्र दिवस के मुख्य समारोह के दौरान देश की सबसे पुरानी पार्टी के अध्यक्ष के इतनी पीछे बैठा देखना कई लोगों को अजीब लगा। कांग्रेस के नेता तो इसका विरोध कर ही रहे हैं सोशल मीडिया पर भी कई लोगों ने इसकी आलोचना की है। कांग्रेस नेता तो साफ कह रहे हैं कि राहुल गांधी को छठी पंक्ति पर बिठाकर सरकार ने अपने अहंकार का परिचय दिया है। उनके मुताबिक अब जनता ही इसका जवाब देगी और वो राहुल को नंबर वन पर लेकर आएगी।
गणतंत्र दिवस के मौके पर राजपथ पर होने वाले समारोह में सीट आवंटन रक्षा मंत्रालय करता है। राजपथ के समारोह में राहुल के लिए चौथी पंक्ति में सीट आवंटित किए जाने की बात गुरुवार को सामने आई थी इसके बाद कांग्रेस नेता ने कहा था कि परंपरा के मुताबिक सत्ताधारी पार्टी के अध्यक्ष के साथ ही मुख्य विपक्षी पार्टी के अध्यक्ष को पहली पंक्ति में जगह दी जाती रही है। 68वें गणतंत्र दिवस यानी पिछले साल की समारोह में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के बगल में तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी बैठी थी लेकिन इस बार उनके पार्टी अध्यक्ष को पिछली पंक्ति में जगह दी गई।
हालांकि पूरे विवाद पर अब रक्षा मंत्रालय ने सफाई दी है। रक्षा मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक एसपीजी के कहने पर राहुल गांधी की सीट बदली गई थी और उन्हें चौथी से बदलकर छठी पंक्ति में किया गया। अब भाजपा इसे तिल का ताड़ बनाना कह रही है। मोदी सरकार के मंत्री अश्विनी चौबे के मुताबिक कांग्रेस अब भी राजशाही की तरह सोचती है और वो गांधी-नेहरू परिवार को सबसे ज्यादा अहमियत देने की मांग करती है। भाजपा जो भी कह रही हो लेकिन राहुल गांधी ने पूरे जोश के साथ समारोह में हिस्सा लिया। शाम में राष्ट्रपति भवन में आयोजित होने वाले एट होम पार्टी में भी गए जहां पीएम मोदी ने उनसे गर्मजोशी से मुलाकात की।
राजपथ पर होने वाले गणतंत्र दिवस समारोह में अब तक ये परम्परा रही है कि विपक्ष के नेता को आगे की सीट पर बिठाया जाता है। राहुल को पीछे बैठाकर किसी कानून का तो उल्लंघन नहीं हुआ लेकिन अगर उन्हें आगे बिठाया जाता तो विपक्ष के नेता को सम्मान देने की स्वस्थ परम्परा भी बनी रहती और सरकार का बड़ा दिल भी दिखता।