नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने लोकसभा चुनावों में पार्टी की करारी हार की जिम्मेदारी लेते हुए अध्यक्ष पद छोड़ने की पेशकश की थी। ताजा रिपोर्ट्स के मुताबिक, राहुल गांधी अभी भी अपने फैसले पर टिके हुए हैं और कई लोगों की अपील के बाद भी इससे टस से मस नहीं हो रहे हैं। बुधवार को राहुल की मां और यूपीए की अध्यक्ष सोनिया गांधी की अध्यक्षता में कांग्रेस सांसदों की बैठक हुई थी। इस बैठक में पार्टी के अध्यक्ष राहुल गांधी भी मौजूद थे।
सांसदों की अपील पर भी नहीं माने राहुल
रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस बैठक में इस्तीफा देने पर अड़े राहुल गांधी को मनाने की सांसदों ने भरपूर कोशिश की, लेकिन वह नहीं माने। राहुल ने साफ कहा कि वह चुनावों में हार की जिम्मेदारी लेते हैं और अब वह अध्यक्ष नहीं रहेंगे। पार्टी के सभी लोकसभा सांसदों ने राहुल को मनाने की भरपूर कोशिश की, लेकिन वह टस से मस नहीं हुए। यहां तक कि शशि थरूर का यह तर्क भी बेअसर साबित हुआ कि हार सिर्फ राहुल की नहीं बल्कि सामूहिक जिम्मेदारी है। राहुल ने कहा कि वह हार की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए पद छोड़ना चाहते हैं।
बैठक में सभी लोकसभा सांसद थे मौजूद
आपको बता दें कि इस बैठक में राहुल समेत कांग्रेस के सभी 52 सांसद मौजूद थे। लोकसभा चुनावों में मिली हार के बाद हुई कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में ही राहुल ने पद छोड़ने की बात की थी। हालांकि उस समय कार्यसमिति ने उनकी इस पेशकश को सिरे से खारिज कर दिया था और कहा था कि उनके पास राहुल का विकल्प नहीं है। इसके बाद तमाम नेताओं के मनाने के बावजूद राहुल का यही कहना है कि उनके स्टैंड में कोई बदलाव नहीं हुआ है और वह अध्यक्ष पद से इस्तीफा देकर रहेंगे।
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