A
Hindi News भारत राजनीति राहुल गांधी का मोदी सरकार पर तंज, 'नीयत साफ़ नहीं है जिनकी, तारीख़ पे तारीख़ देना स्ट्रैटेजी है उनकी!'

राहुल गांधी का मोदी सरकार पर तंज, 'नीयत साफ़ नहीं है जिनकी, तारीख़ पे तारीख़ देना स्ट्रैटेजी है उनकी!'

नए कृषि कानूनों को लेकर सरकार और किसानों के बीच गतिरोध 8वें दौर की बातचीत में भी नहीं खत्म हो पाया। शुक्रवार को हुई 8वें दौर की बातचीत भी बेनतीजा खत्म हो चुकी है। इसपर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि तारीख पे तारीख देना उसकी रणनीति है।

Rahul Gandhi on Centre-farmers talks- India TV Hindi Image Source : PTI नए कृषि कानूनों को लेकर सरकार और किसानों के बीच गतिरोध 8वें दौर की बातचीत में भी नहीं खत्म हो पाया। 

नयी दिल्ली: नए कृषि कानूनों को लेकर सरकार और किसानों के बीच गतिरोध 8वें दौर की बातचीत में भी नहीं खत्म हो पाया। शुक्रवार को हुई 8वें दौर की बातचीत भी बेनतीजा खत्म हो चुकी है। इसपर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि तारीख पे तारीख देना उसकी रणनीति है। उन्होने ट्वीट किया, ‘‘नीयत साफ़ नहीं है जिनकी, तारीख़ पे तारीख़ देना स्ट्रैटेजी है उनकी!’’ बता दें कि सरकार और किसान संगठनों के प्रतिनिधियों के बीच तीन कृषि कानूनों को लेकर शुक्रवार को आठवें दौर की वार्ता बेनतीजा रही। 

15 जनवरी को हो सकती है अगली बैठक
सूत्रों के मुताबिक अगली बैठक 15 जनवरी को हो सकती है। तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने की अपनी मांग पर अड़े किसान नेताओं ने शुक्रवार को सरकार से दो टूक कहा कि उनकी घर वापसी तभी होगी जब वह इन कानूनों को वापस लेगी। सरकार ने कानूनों को पूरी तरह से निरस्त करने की मांग खारिज करते हुए इसके विवादास्पद बिन्दुओं तक चर्चा सीमित रखने पर जोर दिया।

देश में बहुत से लोग इन क़ानूनों के पक्ष में हैं
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा, "सरकार ने बार-बार कहा है कि किसान यूनियन अगर क़ानून वापिस लेने के अलावा कोई विकल्प देंगी तो हम बात करने को तैयार हैं। आंदोलन कर रहे लोगों का मानना है कि इन क़ानूनों को वापिस लिया जाए। परन्तु देश में बहुत से लोग इन क़ानूनों के पक्ष में हैं।" उन्होंने कहा, "किसान यूनियन और सरकार ने 15 जनवरी को दोपहर 12 बजे बैठक का निर्णय लिया है। मुझे आशा है कि तब कोई समाधान निकलेगा।"

किसान संगठनों की मांग है कि तीनों कृषि कानूनों को वापस लिया जाए और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी दी जाए। अपनी मांगों को लेकर हजारों किसान दिल्ली के निकट पिछले करीब 40 दिनों से प्रदर्शन कर रहे हैं। सरकार का कहना है कि ये कानून कृषि क्षेत्र में बड़े सुधार के कदम हैं और इनसे खेती से बिचौलियों की भूमिका खत्म होगी तथा किसान अपनी उपज देश में कहीं भी बेच सकते हैं।

ये भी पढ़ें

दिल्‍ली में बर्ड फ्लू की एंट्री? मयूर विहार में बड़ी संख्या में कौओं की मौत से मचा हड़कंप
दिल्ली में सामने आए Coronavirus के 444 नये मरीज, इन्हें सात दिन होम क्वारंटीन में रहना जरूरी

81 वर्षीय महिला ने 35 साल के युवक से की शादी, सामने आई ये मुसीबत
MG Hector का यह खास मॉडल भारत में हुआ लॉन्च, जानें इसकी कीमत और खूबियां

Latest India News