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Hindi News भारत राजनीति पाकिस्तान की जुबान बोल रहे राहुल कन्फ्यूज्ड नेता हैं, देश को भी कन्फ्यूज कर रहे हैं: विजयवर्गीय

पाकिस्तान की जुबान बोल रहे राहुल कन्फ्यूज्ड नेता हैं, देश को भी कन्फ्यूज कर रहे हैं: विजयवर्गीय

राफेल मामले में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर हमला बोलते हुए भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने तंज कसते हुए कहा. "राहुल खुद एक कन्फ्यूज्ड नेता हैं और वह देश की जनता को भी कन्फ्यूज्ड करना चाहते हैं।" 

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इंदौर: राफेल मामले में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर हमला बोलते हुए भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा. "राहुल खुद एक कन्फ्यूज्ड नेता हैं और वह देश की जनता को भी कन्फ्यूज्ड करना चाहते हैं।" 

कैलाश विजयवर्गीय ने आरोप लगाया कि राहुल सत्ता के लालच में पाकिस्तान की जुबान बोलते हुए इन लड़ाकू विमानों के सौदे के गोपनीय ब्योरे के खुलासे की मांग कर रहे हैं।  विजयवर्गीय ने यहां कलेक्टोरेट तिराहे पर भाजपा की सभा में कहा, "राफेल सौदे को लेकर राहुल केंद्र सरकार से वे प्रश्न क्यों पूछ रहे हैं, जिनके जवाब पाकिस्तान जानना चाहता है। आप (राहुल) हमारे दुश्मन देश के साथ खड़े क्यों दिखायी दे रहे हैं? आप (राहुल) कुर्सी के प्रेम में पाकिस्तान की भाषा क्यों बोल रहे हैं?" 

भाजपा महासचिव राफेल मामले में कांग्रेस के खिलाफ भाजपा के धरने के दौरान सभा को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि कांग्रेस नेताओं ने सत्ता के लालच में पहले भी पाकिस्तान के सुर में सुर मिलाते हुए सर्जिकल स्ट्राइक के सबूत मांगे थे और भारतीय सैनिकों की वीरता का अपमान किया था। 

विजयवर्गीय ने कहा, "राफेल मामले में शीर्ष न्यायालय का फैसला नरेंद्र मोदी सरकार के पक्ष में आया है। मैं समझता हूं कि इस फैसले के बाद राहुल को चुल्लू भर पानी में डूबकर मर जाना चाहिये। लेकिन अब वह कह रहे हैं कि राफेल सौदे की जांच के लिये संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) बनायी जाये।" 

भाजपा महासचिव ने कहा, "अगर राहुल में दम है, तो वह राफेल मामले में लोकसभा में बहस करें। लेकिन कांग्रेस इस मुद्दे पर लगातार हंगामा कर लोकसभा की कार्यवाही नहीं चलने दे रही है।’’ 

उन्होंने तंज किया, "राहुल खुद एक कन्फ्यूज्ड नेता हैं और वह देश की जनता को भी कन्फ्यूज्ड करना चाहते हैं।" भाजपा महासचिव ने आरोप लगाया कि कांग्रेस की अगुवाई वाली पूर्ववर्ती यूपीए सरकार ने वर्ष 2007 से 2014 तक राफेल विमान इसलिये नहीं खरीदे, क्योंकि वह इस सौदे के लिये दलालों को तलाश रही थी। 

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