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दलित आंदोलन को लेकर राम विलास पासवान ने राहुल गांधी पर साधा निशाना

केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान ने सोमवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि...

Rahul Gandhi has no moral right to talk about Dalit issues, says Ram Vilas Paswan | PTI- India TV Hindi Rahul Gandhi has no moral right to talk about Dalit issues, says Union minister Ram Vilas Paswan | PTI Photo

नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान ने सोमवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि दलित के मुद्दों को लेकर उन्हें बीजेपी पर हमला करने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है क्योंकि उनकी पार्टी ने दलित समाज या भीम राव अंबेडकर के लिए कुछ भी नहीं किया है। दलितों के खिलाफ अत्याचार से संबंधित एक कानून पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद विपक्षी पार्टियां बीजेपी पर निशाना साध रही हैं। पासवान ने बीजेपी का बचाव करते हुए कहा कि कांग्रेस ने दलितों के लिए कुछ भी नहीं किया है जबकि मौजूदा सरकार ने काफी कुछ किया है। उन्होंने निर्णय के खिलाफ दो सप्ताह के भीतर पुनर्विचार याचिका दाखिल करने के लिए भाजपा नेतृत्व वाली सरकार की प्रशंसा की। 

‘रघुवंश प्रसाद सिंह को कोई गंभीरता से नहीं लेता है’
दलित नेता और लोक जनशक्ति पार्टी के प्रमुख पासवान ने भविष्य के अपने कदम के बारे में अफवाहों को खारिज करते हुए कहा कि वह बीजेपी की अगुआई वाले एनडीए में हैं और इसे मजबूत रखने के लिए इसमें ही रहेंगे। उन्होंने दावा किया कि अगले वर्ष लोकसभा चुनावों के बाद एनडीए एक बार फिर से सत्ता में आएगा। राष्ट्रीय जनता दल के वरिष्ठ नेता रघुवंश प्रसाद सिंह ने हाल में दावा किया था कि पासवान विपक्ष के संपर्क में है और वह एनडीए को छोड़ सकते है। पासवान ने सिंह पर निशाना साधते हुए कहा,‘उन्हें कोई भी गंभीरता से नहीं लेता है। क्या वह अपने भविष्य के बारे में जानते हैं? क्या वह तेजस्वी यादव को अपना नेता मानते हैं?

‘राहुल गांधी को दलितों के मुद्दे पर बात करने का नैतिक अधिकार नहीं’
दलित मुद्दे पर केंद्र सरकार पर हमला बोलने के लिए कांग्रेस की निंदा करते हुए पासवान ने कहा कि कांग्रेस ने अपने लम्बे शासनकाल में इस समुदाय के लिए कुछ भी नहीं किया है और उसने संसद के सेंट्रल हॉल में अंबेडकर की प्रतिमा के लिए जगह नहीं दी। उन्होंने आरोप लगाया,‘राहुल गांधी को दलितों के मुद्दों पर बात करने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है। उन्हें सबसे पहले यह जवाब देना चाहिए कि उनकी पार्टी ने अंबेडकर के लिए ऐसा क्यों किया। कांग्रेस ने उनके साथ केवल दुर्व्यवहार किया और दूसरों को उनसे दुर्व्यवहार करने के लिए प्रोत्साहित किया।’ दलित संगठनों द्वारा बुलाये गये भारत बंद के दौरान हिंसा की रिपोर्टों के बीच उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के कारण समुदाय में गुस्सा है लेकिन यह समाज में किसी तरह के विभाजन का कारण नहीं होना चाहिए।

‘कई दलित नेताओं के नाम में राम जुड़ा है’
उन्होंने कहा कि राजनीतिक दलों को इसका राजनीतिकरण नहीं करना चाहिए। सरकार ने केवल 11 दिनों में ही एक पुनर्विचार याचिका दायर कर दी। पासवान ने उत्तर प्रदेश सरकार के उस निर्णय का भी बचाव किया जिसमें भीम राव अंबेडकर के आधिकारिक नाम में रामजी जोड़कर उसे भीमराव रामजी अंबेडकर कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि रामजी उनका मध्य नाम है और सरकार के निर्णय में कुछ भी आपत्तिजनक नहीं है। उन्होंने कहा कि जगजीवन राम, रामनाथ कोविंद (भारत के राष्ट्रपति) जैसे कई दलित नेताओं के नामों में और उनके खुद के नाम में राम जुड़ा हुआ है।

‘सांप्रदायिक हिंसा में RJD का हाथ हो सकता है’
पासवान ने कहा कि RJD का बिहार के कई हिस्सों में सांप्रदायिक हिंसा में हाथ हो सकता है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने वर्ष 2013 में बीजेपी से अलग होने से पहले उसके साथ 8 वर्षों तक राज्य में सरकार चलाई। यह कार्यकाल सुशासन और सांप्रदायिक सौहार्द्र के लिए जाना जाता है। उन्होंने कहा,‘इसलिए यह अब क्यों घटित हो रहा है। आपको यह ध्यान देना चाहिए कि नीतीश कुमार के RJD से अलग होने के बाद यह सब घटित हो रहा है।’ हालांकि RJD ने सांप्रदायिक हिंसा के लिए RJD पर आरोप लगाया है।

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