नई दिल्ली: बिहार में जहां एक तरफ एनडीए में सीटों के बंटवारे पर घमासान मचा है तो वहीं महागठबंधन में भी प्रधानमंत्री पद को लेकर पेंच फंसा है। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पीएम को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की दावेदारी को खारिज कर दिया है। अखिलेश ने कहा कि प्रधानमंत्री को लेकर महागठबंधन में कुछ भी फाइनल नहीं हुआ है। दरअसल दो दिन पहले डीएमके प्रमुख स्टालिन ने 2019 में प्रधानमंत्री के महागठबंधन की ओर से राहुल गांधी का नाम आगे बढ़ाया था।
स्टालिन के प्रस्ताव पर सपा प्रमुख ने कहा कि ऐसा कोई आवश्यक नहीं है कि गठबंधन की भी ऐसी ही राय हो। अखिलेश ने कहा, ‘‘देश की जनता भाजपा से नाराज है इसीलिए तीन राज्यों में कांग्रेस को सफलता मिली। ममता जी (पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी), पवार जी (राकांपा नेता शरद पवार) और अन्य लोगों ने 2019 के लोकसभा चुनावों से पहले गठबंधन बनाने के लिए सभी नेताओं को साथ लाने का प्रयास किया।’’ उन्होंने कहा, ‘‘अगर कोई (स्टालिन) अपनी राय दे रहा है तो कोई जरूरी नहीं कि गठबंधन के सभी घटक दलों की राय वही हो।’’
वहीं समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी ने लोकसभा चुनाव के लिए बनने वाले गठबंधन से कांग्रेस को बाहर रखने का फैसला लगभग ले लिया है। दोनों ही दलों ने सीटों के बंटवारे का फ़ॉर्मूला भी तय कर लिया है और इसका औपचारिक ऐलान बसपा सुप्रीमो मायावती के जन्मदिन यानी 15 जनवरी को किया जाएगा।
सीटों के बंटवारे के जिस फ़ॉर्मूले पर सहमति बनी है उसके मुताबिक इस गठबंधन में अजीत सिंह की रालोद को भी शामिल किया गया है। बसपा 38, सपा 37 और रालोद तीन सीटों पर बीजेपी के खिलाफ मोर्चा लेगी। हालांकि सपा के वरिष्ठ नेता रामगोपाल यादव ने कहा है कि यूपी में गठबंधन पर अभी फाइनल फैसला नहीं हुआ है। सीटों के बंटवारे की खबरें अभी कल्पना है।
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