क्या सिद्धू को नहीं मिल पाएगी पंजाब कांग्रेस की कमान? ताजपोशी रोकने को प्रताप सिंह बाजवा करेगें बैठक
पंजाब से कांग्रेस पार्टी के सांसद प्रताप सिंह बाजवा के घर आज एक अहम बैठक है। सूत्रों का दावा है कि ये बैठक सिद्धू की ताजपोश रोकने के लिए एक और कोशिश है।
नई दिल्ली. पंजाब कांग्रेस में विवाद अभी तक सुलझता दिखाई नहीं दे रहा है। पहले सूत्रों की तरफ से ये दावा किया जा रहा था कि नवजोत सिंह सिद्धू और कैप्टन अमरिंदर सिंह के बीच विवाद आज खत्म हो सकता है लेकिन पिक्चर अभी बाकी मालूम पड़ती है। दरअसल पंजाब से कांग्रेस पार्टी के सांसद प्रताप सिंह बाजवा के घर आज एक अहम बैठक है। सूत्रों का दावा है कि ये बैठक सिद्धू की ताजपोश रोकने के लिए एक और कोशिश है।
इस बैठक का आयोजन आज दिल्ली में डेढ़ बजे किया जाएगा, जिसमें पंजाब कांग्रेस के सभी सांसद शामिल होंगे। कहा जा रहा है कि इसके बाद कांग्रेस के बैठक में शामिल होने वाले सांसद सोनिया गांधी से मुलाकात का समय मांग सकते हैं। हालांकि प्रताप सिंह बाजवा ने मीडिया से बातचीत में कहा कि हमने कांग्रेस पार्टी के सभी सांसदों को किसानों के मुद्दे पर अहम रणनीति बनाने के लिए और कांग्रेस पार्टी के विषय पर बातचीत के लिए आमंत्रित किया है।
क्या 'सुलह के फॉर्मूले' पर बनी कैप्टन और सिद्धू की बात
कल शाम तक ये दावा किया जा रहा था कि चंडीगढ़ में मैराथन बैठकों और पंजाब प्रभारी हरीश रावत से कैप्टन अमरिंदर की मुलाकात के बाद सिद्धू और कैप्टन के बीच सुलह का फॉर्मूला तैयार कर लिया गया है। इस फॉर्मूले के तहत सिद्धू को पंजाब कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया जा सकता है, इसके अलावा कैप्टन अमरिंदर की पसंद के दो कार्यकारी अध्यक्ष भी बनाए जाएंगे। इतना ही नहीं, सूत्रों का दावा है कि फॉर्मूले के तहत राज्य में दो डिप्टी सीएम भी बनाए जा सकते हैं। कांग्रेस पंजाब में अगले साल विधानसभा का चुनाव कैप्टन अमरिंदर के चेहरे पर ही लड़ेगी। सूत्रों का कहना है कि हाईकमान के इस फॉर्मूले पर दोनों पक्षों में सहमति बनती दिख रही है।
गोल्डन टेंपल जाएंगे सिद्धू
बताया जा रहा है कि पंजाब का प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने की घोषणा होने के बाद नवजोत सिंह सिद्धू सबसे पहले अमृतसर के गोल्डन टैंपल जाकर मत्था टेकेंगे, उसके बाद वो अपने कामकाज की शुरुआत करेंगे लेकिन, इस मामले में सबसे बड़ा पेंच सिद्धू और कैप्टन की मुलाकात को लेकर फंसा है क्योंकि कांग्रेस के पंजाब इंचार्ज हरीश रावत के आगे कैप्टन ने शर्त रखी है कि वो सिद्धू से तभी मिलेंगे, जब वो अपने पहले दिए गए बयानों के लिए सार्वजनिक तौर पर माफी मांगेंगे।
मैराथन मीटिंग्स के बाद बनी बात
दरअसल दोनों पक्षों के बीच सहमति के जिस फॉर्मूले की बात हो रही है, उसे निकालने में कांग्रेस आलाकमान और पार्टी के सीनियर लीडर्स को एड़ीचोटी की मेहनत करनी पड़ी है। दिल्ली से चंडीगढ़ तक मैराथन बैठकों का दौर चला, तब जाकर मामला सुलह तक पहुंचा है। इस पूरे मामले में कल दिल्ली से आए पंजाब कांग्रेस प्रभारी हरीश रावत और कैप्टन अमरिंदर सिंह की मुलाकात गेमचेंजर रही है।
कैप्टन बोले- सोनिया का फैसला मंजूर
हरीश रावत दिल्ली से सोनिया गांधी का मैसेज लेकर पहुंचे थे। सीएम से मुलाकात के बाद हरीश रावत ने कहा कि आलाकमान जो भी फैसला लेगा उसे कैप्टन अमरिंदर सिंह मानेंगे। रावत ने कहा कि अमरिंदर सिंह ने अपना पुराना बयान दोहराया है और कहा है कि कांग्रेस अध्यक्ष जो भी फैसला लेंगी वो उन्हें मंजूर होगा। इससे पहले चंडीगढ़ में बैठकों का लंबा दौर चला। पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पार्टी के क़रीबी नेताओं से मामले पर चर्चा की।
कल बाजवा से भी मिले थे कैप्टन
कैप्टन अमरिंदर सिंह के आवास पर हुई बैठक में पंजाब के स्पीकर राणा केपी सिंह, राज्यसभा सांसद प्रताप सिंह बाजवा और कैबिनेट मंत्री राणा गुरमीत सिंह सोढी भी शामिल हुए, जिसमें फॉर्मूले पर सहमति बनाई गई। इधर, कैप्टन मीटिंग कर रहे थे तो उधर नवजोत सिंह सिद्धू भी अलग-अलग नेताओं से मिल रहे थे। हालांकि सूत्रों के मुताबिक कहा ये जा रहा है कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी के कड़े रुख के बाद नवजोत सिंह सिद्धू के तेवर ढीले पड़े हैं।
सुनील जाखड़ से की थी सिद्धू ने मुलाकात
सूत्रों का दावा है कि आलाकमान की ओर से नवजोत सिंह सिद्धू को साफ कर दिया गया था कि पंजाब में पार्टी का चेहरा कैप्टन अमरिंदर सिंह ही हैं और अगर किसी तरह का कोई मतभेद है तो उसे पार्टी में इंटरनली सुलझाया जाएगा ना कि अपनी ही सरकार के कामकाज पर सवाल खड़े करके, जिसके बाद सिद्धू नरम पड़े और शनिवार को उन्होंने कैप्टन अमरिंदर सिंह के करीबी पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष सुनील जाखड़ के घर जाकर उनसे मुलाकात की।
इसके बाद नवजोत सिद्धू ने चंडीगढ के सेक्टर 39 में कैप्टन सरकार के मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा से मुलाकात की। मीटिंग का दौर जारी रहा, सिद्धू कांग्रेस नेताओं से मिलते रहे और ट्विटर पर तस्वीरें पोस्ट करते रहे। उन्होंने बलबीर सिंह सिद्धू, लाल सिंह और गुरप्रीत कांगड़ से भी मीटिंग की। सुखजिंदर रंधावा ने कहा कि अब कोई दिक्कत नहीं है। सारे पुराने कांग्रेसी साथ आ गए हैं।