नई दिल्ली: पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के कद्दावर नेता कैप्टन अमरिंदर सिंह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर सकते हैं। इससे पहले उन्होंने कल गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात कर कांग्रेस कैंप में खलबली मचा दी। अब आज उनके प्रधानमंत्री से भी मुलाकात की चर्चा है हालांकि, इस ख़बर पर ऑफिशियल मुहर अभी नहीं लगी है। कैप्टन कांग्रेस के ग्रुप 23 नेताओं से भी मुलाकात कर सकते हैं। इस तरह की ख़बरें हैं कि वो कपिल सिब्बल और गुलाम नबी आजाद से मिल सकते हैं।
आपको बता दें कि कैप्टन अमरिंदर सिंह ने एक दिन पहले ही कहा था कि दिल्ली में वो किसी नेता से नहीं मिलेंगे लेकिन इस बयान के 24 घंटे बाद ही वो गृह मंत्री अमित शाह से मिलने पहुंचे। मुलाकात को लेकर खुद ट्वीट किया और बताया कि शाह से मुलाकात में क्या-क्या बात हुई? कैप्टन और शाह में करीब 45 मिनट बातचीत हुई। इस दौरान दोनों नेताओं ने किसान आंदोलन पर मंथन किया। कैप्टन ने कृषि कानूनों की वापसी और MSP की गारंटी देने की मांग की। कैप्टन ने गृह मंत्री से पंजाब की खेती-किसानी पर भी बात की।
कांग्रेस कैंप में हड़कंप
शाह से अमरिंदर की मुलाकात के बाद पंजाब से दिल्ली तक सियासी गर्मी अचानक बढ़ गई है। इस मुलाकात के कई सियासी मायने निकाले जा रहे हैं। इस मुलाकात से कांग्रेस कैंप में हड़कंप मचा हुआ है। कांग्रेस ने इस पर तुरंत प्रतिक्रिया दी। इसे लेकर पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट किया। हालांकि, कहीं भी उन्होंने कैप्टन का नाम नहीं लिया। सुरजेवाला ने लिखा, ''दलित मुख्यमंत्री बीजेपी को पसंद नहीं है। गृह मंत्री शाह का घर दलित विरोधी राजनीति का केंद्र बन गया है। मोदी-शाह पंजाब से बदले की आग में जल रहे हैं। वो पंजाब से बदला लेना चाहते हैं, उनकी किसान विरोधी साजिश सफल नहीं होगी।''
अमरिंदर की सियासी ताकत
अमरिंदर सिंह की सियासी ताकत बहुत बड़ी है। उन्होंने 2002 और 2017 में अपने बूते पंजाब में कांग्रेस की सरकार बनाई। 2014 में मोदी लहर में बीजेपी के दिग्गज नेता अरुण जेटली को हराया। उनके पास 52 साल का लंबा सियासी अनुभव है और वो करीब साढ़े नौ साल तक पंजाब के मुख्यमंत्री रहे। अब अगर अमरिंदर सिंह बीजेपी में शामिल होते हैं तो पंजाब और देश की सियासत में बड़ा बदलाव आ सकता है। कैप्टन के जरिए किसान आंदोलन के समाधान की उम्मीद है। वो पंजाब चुनाव में बीजेपी के सबसे बड़े सिख चेहरा बन सकते हैं इससे 2022 का चुनाव बेहद दिलचस्प हो सकता है।
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