चंडीगढ़. राजस्थान के बाद अब पंजाब कांग्रेस पर भी संकट के बादल नजर आ रहे हैं। राजनीतिक जानकारों की मानें तो यहां भी पार्टी के दो गुटों की लड़ाई अब आला नेतृत्व के लिए मुसीबत साबित हो सकती है। दरअसल पंजाब की अमरिंदर सिंह कैबिनेट ने अपने दो राज्यसभा सांसदों को अनुशासनहीनता के लिए तुरंत निष्कासित करने की मांग की है। दरअसल पंजाब में जहरीली शराब की वजह से हुई मौतों को लेकर राज्यसभा सांसद प्रताप सिंह बाजवा और शमशेर सिंह दुलो ने राज्यपाल से मुलाकात की थी, जिसके बाद से कांग्रेस में जंग छिड़ी हुई है, पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष सुनील जाखड़ इनके खिलाफ प्रेस कॉन्फ्रेंस भी कर चुके हैं।
राज्यपाल से मुलाकात में प्रताप सिंह बाजवा और शमशेर सिंह ने जहरीली शराब की वजह से हुई मौतों के मामले में सीबीआई जांच करवाने की मांग की है। जहरीली शराब की वजह से पंजाब में 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। राज्यसभा सांसद प्रताप सिंह बाजवा ने सीएम अमरिंदर पर इस मामलों को लगातार नजरअंदाज करने के लिए आरोप भी लगाए हैं। बाजवा का कहना है कि अगर सीएम ने उनकी बात सुनी होती तो राज्य में इतने लोगों की जान न गयी होती।
बाजवा की राज्यपाल से मुलाकात के बाद ये बोले जाखड़
पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष जाखड़ ने कहा कि यह समय पार्टी को बीमारी लगने से बचाने का है, यह समय कांग्रेस को बाजवा एवं दुलो जैसे छोटी सोच वाले लोगों से बचाने का है । जाखड़ ने कहा कि जिस थाली में ये खाते हैं उसी में छेद करते हैं और इसके लिये उन्हें कोई शर्म नहीं आती। कांग्रेस अध्यक्ष ने एक बयान जारी कर कहा, "ये जिस थाली में खाते हैं, उसी में छेद करते हैं।"
जाखड़ ने दोनों नेताओं पर अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं और हितों को साधने के लिये इस हादसे का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि बाजवा और दुलो ने जो किया है उसे अब कत्तई बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। ऐसे लोग जो चुनाव लड़ने से भी डरते हैं वे अब पार्टी के लिये किसी काम के नहीं हैं। उन्होंने कहा कि पीठ में छुरा मारने वाले ऐसे लोगों को रास्ता दिखाया जाना चाहिये। अब बहुत हो गया और वह स्पष्ट रूप से इनके खिलाफ कार्रवाई की मांग करने जा रहे हैं।
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