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Hindi News भारत राजनीति पंजाब के मुख्यमंत्री चन्नी ने मंत्रिपरिषद का पहला विस्तार किया, 15 कैबिनेट मंत्री शामिल, 7 नए चेहरे

पंजाब के मुख्यमंत्री चन्नी ने मंत्रिपरिषद का पहला विस्तार किया, 15 कैबिनेट मंत्री शामिल, 7 नए चेहरे

राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित ने चंडीगढ़ के राजभवन में कांग्रेस विधायक ब्रह्म मोहिंद्रा, मनप्रीत सिंह बादल, तृप्त राजिंदर बाजवा, अरुणा चौधरी, सुखबिंदर सिंह सरकारिया, राणा गुरजीत सिंह, रजिया सुल्ताना, संगत सिंह गिलजियां, परगट सिंह, अमरिंदर सिंह राजा वारिंग, गुरकीरत सिंह कोटली, विजयिंदर सिंगला, भारत भूषण आशु, रणदीप सिंह नाभा और राजकुमार वेरका को कैबिनेट मंत्री पद की शपथ दिलाई।

चन्नी की नई टीम: पंजाब कैबिनेट का हुआ विस्तार, जानिए 15 मंत्रियों के बारे में जिन्हें दिलाई गई शपथ - India TV Hindi Image Source : ANI चन्नी की नई टीम: पंजाब कैबिनेट का हुआ विस्तार, जानिए 15 मंत्रियों के बारे में जिन्हें दिलाई गई शपथ 

चंडीगढ़: पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने रविवार को राज्य मंत्रिपरिषद का पहला विस्तार कर 15 कैबिनेट मंत्रियों को शामिल किया, जिसमें 7 नए चेहरे हैं। चन्नी के मंत्रिपरिषद में रणदीप सिंह नाभा, राजकुमार वेरका, संगत सिंह गिलजियां, परगट सिंह, अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग और गुरकीरत सिंह कोटली नए चेहरे हैं। राणा गुरजीत सिंह ने 2018 में अमरिंदर सिंह के नेतृत्व वाले मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने के बाद वापसी की है। पंजाब के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित ने सभी मंत्रियों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। 

पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व वाले मंत्रिमंडल में मंत्री रहे ब्रह्म मोहिंद्रा, मनप्रीत सिंह बादल, तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा, अरुणा चौधरी, सुखबिंदर सिंह सरकारिया, रजिया सुल्ताना, विजय इंदर सिंगला, भारत भूषण आशु को फिर से मंत्रिपरिषद में जगह दी गई है। प्रदेश कांग्रेस प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू के साथ लंबे समय तक टकराव के बाद अमरिंदर सिंह ने त्यागपत्र दे दिया था, जिसके बाद चन्नी ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। राणा गुरजीत सिंह, मोहिंद्रा और सिंगला अमरिंदर सिंह के करीबी माने जाते हैं। पंजाब में मुख्यमंत्री समेत कुल 18 विधायक मंत्रिपरिषद में शामिल हो सकते हैं। 

बता दें कि, उपमुख्यमंत्री चुने गए सुखजिंदर सिंह रंधावा और ओपी सोनी ने बीते सोमवार को शपथ ली थी। इससे पहले, राज्य के कांग्रेस नेताओं के एक वर्ग ने पार्टी की प्रदेश इकाई के प्रमुख सिद्धू को पूर्व मंत्री राणा गुरजीत सिंह को शामिल किए जाने के खिलाफ पत्र लिखकर आरोप लगाया था कि वह ‘‘भ्रष्ट और दागी’’ हैं। नेताओं ने यह भी मांग की थी कि इसके बजाय दलित वर्ग के ‘बेदाग’ छवि के किसी नेता को मंत्री बनाया जा सकता है। पत्र की प्रति मुख्यमंत्री को भी भेजी गई। राणा गुरजीत सिंह को रेत खनन अनुबंधों की नीलामी में अनियमितता के आरोपों पर विपक्ष की आलोचना के बाद 2018 में मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा। उस समय गुरजीत सिंह के पास सिंचाई और बिजली विभाग थे।

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