श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने अपने सूबे के लोगों से एक बड़ा चुनावी वादा किया है। अब्दुल्ला ने कहा है कि यदि उनकी पार्टी नेशनल कॉन्फ्रेंस जम्मू-कश्मीर की सत्ता में आती है तो वह विवादास्पद लोक सुरक्षा कानून (PSA) को वापस ले लेगी। उमर ने जिस कानून को वापस लेने की बात कही है, उसके तहत किसी भी शख्स को बिना मुकदमे के 6 महीने के लिए हिरासत में रखा जा सकता है। इस वादे के बाद महबूबा मुफ्ती की पीडीपी ने उमर अब्दुल्ला पर निशाना साधा है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, गुरुवार को दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले में इस बारे में घोषणा करते हुए उमर ने कहा, 'मैं सूबे के नौजवानों को बिना मुकदमा चलाए महीनों तक सलाखों के पीछे नहीं देखना चाहता। इस कानून के तहत पकड़े गए बच्चों के मां-बाप रो रहे हैं। इसलिए यदि नेशनल कॉन्फ्रेंस सत्ता में आती है तो सूबे में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के प्रवाधानों को खत्म कर दिया जाएगा।' उमर के इस बयान पर पीडीपी ने निशाना साधते हुए कहा कि जिस पार्टी ने असहमति की आवाज को दबाने के लिए PSA, पोटा, आफ्स्पा को स्वीकार किया, वह अब PSA को रद्द करने के लिए बहुमत मांग रही है।
पीडीपी की इस प्रतिक्रिया का जवाब देते हुए उमर ने कहा कि जब महबूबा सत्ता में थीं तो उन्होंने क्यों नहीं PSA या आफ्सपा हटाने की कोशिश की। आपको बता दें कि जम्मू-कश्मीर में लोक सुरक्षा कानून के तहत फिलहाल 230 लोग निरुद्ध हैं, जिनमें से करीब 180 इसी सूबे के रहने वाले हैं। इन लोगों में से कुछ अलगाववादी हैं और कई पाकिस्तानी तथा विदेशी नागरिक भी हैं जिन्होंने अपनी सजा पूरी कर ली है लेकिन उनके देशों ने उन्हें वापस नहीं लिया। (एजेंसियों से इनपुट्स के साथ)
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