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Hindi News भारत राजनीति उप राष्ट्रपति नायडू ने सांसदों से कहा: प्रस्ताव दें, विरोध करें लेकिन मुद्दों को सुलझाने के लिए साथ आएं

उप राष्ट्रपति नायडू ने सांसदों से कहा: प्रस्ताव दें, विरोध करें लेकिन मुद्दों को सुलझाने के लिए साथ आएं

उप राष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने आज कहा कि संसदीय लोकतंत्र में सांसद प्रस्ताव दे सकते हैं , किसी प्रस्ताव का विरोध कर सकते हैं लेकिन मुद्दों का समाधान निकालने के लिए अंतत : सभी को साथ आना चाहिए।

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नयी दिल्ली: उप राष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने आज कहा कि संसदीय लोकतंत्र में सांसद प्रस्ताव दे सकते हैं , किसी प्रस्ताव का विरोध कर सकते हैं लेकिन मुद्दों का समाधान निकालने के लिए अंतत : सभी को साथ आना चाहिए। गौरतलब है कि हाल में सम्पन्न बजट सत्र के दूसरे चरण में लगातार गतिरोध बना रहा। राज्यसभा के सभापति की ये टिप्पणी सत्र समापन के लगभग पखवाड़े भर बाद आई है। 

संसद में गतिरोध के बारे में ने कहा , ‘‘ कुछ विलंब हुआ है ( संसद में )... कभी कभार ऐसा होता है। आप जानते हैं कि यहां लोकतंत्र है। जब एक सदन ( लोकसभा ) प्रस्ताव पारित करता है तो दूसरा सदन ( राज्यसभा ) कुछ वक्त के लिए इंतजार करता है। ऐसा इसलिए क्योंकि वह और परिपक्व हैं। ’’ 
उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में लोग बहस एवं चर्चा कर सकते हैं और फैसला ले सकते हैं। 

उप राष्ट्रपति ने कहा , ‘‘ मैं उन लोगों से कहना चाहता हूं जो लोग ( संसद में सरकार की ओर से पेश उपाय को ) कुछ वक्त के लिए रोकना चाहते हैं कि इसे कुछ समय के लिए रोकने में कुछ गलत नहीं है। यह एक स्पीड ब्रेकर की तरह हो सकता है जहां आप रूक सकते हैं और फिर आगे बढ़ते हैं। ’’ 
उन्होंने कहा , ‘‘ लेकिन यह एकदम रोक लगा देने वाला नहीं होना चाहिए क्योंकि संसदीय लोकतांत्रिक प्रणाली में कोई प्रस्ताव दे सकता है और दूसरा उसका विरोध कर सकता है लेकिन अंतत: उस प्रस्ताव का निबटारा होना ही चाहिए। लोकतंत्र इसी तरह चलता है। इसका कोई और तरीका नहीं है। लोकतंत्र में आपको जनादेश का सम्मान करना चाहिए। ’’ 

विधायिका अध्ययन संस्था पीआरएस लेजिस्लेटिव रिसर्च द्वारा मुहैया कराए गए आंकड़े के मुताबिक छह अप्रैल को समाप्त हुआ बजट सत्र , वर्ष 2000 के बाद से ऐसा पहला सत्र था जिसमें सबसे कम काम हुआ। 

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