नई दिल्ली। राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) को लेकर गुरुवार को गृह मंत्री अमित शाह की राज्यसभा में सफाई के बावजूद इसपर राजनीति खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। शुक्रवार को दिल्ली विधानसभा में NPR के खिलाफ प्रस्ताव पास किया गया है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को दिल्ली विधानसभा में कहा कि गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि NPR अलग है, लेकिन गृहमंत्री ने पहले कहा था कि पहले NPR आएगा और उसके बाद NRC आएगा। अरविंद केजरीवाल ने कहा ]'गुरुवार को गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि NPR के लिए कागज की जरूरत नहीं है, लेकिन ये नहीं कहा कि NRC के लिए कागज नहीं चाहिए, इसका मतलब है कि अगर NPR हुआ तो NRC तो आएगा ही।''
NPR के खिलाफ प्रस्ताव पर बहस के दौरान मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा, ''जिस मुस्लिम के पास कागज नहीं होगा उसे डिटेंशन सेंटर भेज दिया जाएगा, जिस हिंदू के पास कागज नहीं होगा उससे पूछा जाएगा कि अगर तुम पाकिस्तान से आए हो तो ठीक है, नहीं तो उसको डिटेंशन सेंटर में भेज दिया जाएगा, यानि भारत के हिंदू ये लिखकर देंगे कि वो पाकिस्तान से आए हैं, अगर ये नहीं कहेंगे तो डिटेंशन सेंटर भेज दिया जाएगा, अब क्या हम ये लिखकर देंगे कि हम पाकिस्तान से आए हैं, कभी नहीं देंगे, मर जाएंगे लेकिन ये लिखकर नहीं देंगे कि पाकिस्तान से आए हैं।''
NPR के खिलाफ प्रस्ताव में कहा गया है कि भारत सरकार NPR और NRC को वापस ले और इसकी कवायद को आगे न बढ़ाए, फिर भी अगर भारत सरकार इसे लागू ही करना चाहती है तो NPR के पूरे अभ्यार को रोक कर बिना किसी नए बिंदू को जोड़े सिर्फ 2010 के प्रारूप को ही लागू करे।
गुरुवार को गृह मंत्री शाह ने राज्यसभा में कहा था, ''एनपीआर में कोई कागज नहीं मांगा जाएगा, जो जानकारी आपके पास नहीं है वो आप नहीं देंगे। जानकारी नहीं होगी तो कोई डी (डाउटफुल) लगने वाला नहीं है।'' उन्होंने कहा कि एनपीआर की प्रक्रिया विपक्ष के किसी भी सदस्यो को अगर कोई संदेह है तो आप आइए, मैं आपको प्राथमिकता के साथ समय दूंगा।
गृह मंत्री अमित की इस सफाई के बाद ऐसा समझा जा रहा था कि NPR को लेकर अब विवाद खत्म हो सकता है, लेकिन शुक्रवार को ही दिल्ली विधानसभा ने NPR के खिलाफ प्रस्ताव पास कर दिया है जिससे यह साफ हो गया है कि इस मुद्दे पर राजनीति अभी और होने वाली है।
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