A
Hindi News भारत राजनीति पहले विसर्जन, अब पूजा पर बैन, बंगाल में हिंदुओं पर 'ममता' नहीं?

पहले विसर्जन, अब पूजा पर बैन, बंगाल में हिंदुओं पर 'ममता' नहीं?

सरकार के इस पैसले के बावजूद विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल जैसे संगठनों ने ऐलान कर दिया है कि दशहरे के दिन वो शस्त्र पूजा जरूर करेंगे।

Mamata-Banerjee- India TV Hindi Mamata-Banerjee

नई दिल्ली : पश्चिम बंगाल सरकार एक बार फिर सुर्खियों में है। एक बार फिर से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का एक फैसला विवादों में है। सीएम ममता बनर्जी ने दशहरे के दिन राज्य में शस्त्र पूजा पर रोक लगा दी है। ममता सरकार का कहना है कि आरएसएस और दूसरे हिंदू संगठन वोटों के ध्रुवीकरण की कोशिश कर रहे हैं जिसे देखते हुए शस्त्र पूजा की इजाजत नहीं दी जा सकती। हालांकि सरकार का ये फैसला भाजपा-आरएसएस के गले नीचे नहीं उतर रहा। ये भी पढ़ें: राम रहीम की ‘हनी’ को मुंबई में लगी हथकड़ी? जानें क्या है हनीप्रीत की गिरफ्तारी का सच

सरकार के इस पैसले के बावजूद विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल जैसे संगठनों ने ऐलान कर दिया है कि दशहरे के दिन वो शस्त्र पूजा जरूर करेंगे। इस बीच 12 सितंबर को कोलकाता के एक इंडोर स्टेडियम में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की एक सभा होनी थी लेकिन कहा जा रहा है कि ममता सरकार के इशारे पर बुकिंग का हवाला देकर एप्लीकेशन को रिजेक्ट कर दिया गया।

इसके पहले भी आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के कार्यक्रम के लिए कोलकाता में ऑडिटोरियम की बुकिंग कराई गई थी जिसे बाद में रद्द कर दिया गया। भाजपा विरोधी सीएम ममता का यही रवैया कई हिंदू संगठनों को नागवार गुजर रहा है। ममता सरकार के इस फैसले पर विरोधी दलों ने ऐतराज जताया।

केंद्रीय मंत्री और पश्चिम बंगाल से सांसद बाबुल सुप्रियो ने इशारों-इशारों में दीदी पर बड़ा हमला बोल दिया है। दीदी के सामने इस वक्त दो-दो चुनौतियां हैं। एक तरफ राज्य में भाजपा का विस्तार तो दूसरी तरफ दो साल बाद होने वाला लोकसभा चुनाव। यही वजह है कि वो पश्चिम बंगाल में अपनी सियासी पकड़ को कमजोर नहीं होने देना चाहती। लिहाजा ममता सरकार आरएसएस और भाजपा से टकराव के मूड में नजर आ रही है।

Latest India News