लोकसभा चुनावों से पहले UP में कांग्रेस का बड़ा दांव, प्रियंका गांधी को बनाया महासचिव
इस साल होने वाले लोकसभा चुनावों से पहले एक बड़ा कदम उठाते हुए कांग्रेस ने प्रियंका गांधी वाड्रा को पूर्वी उत्तर प्रदेश का महासचिव बना दिया है।
नई दिल्ली: इस साल होने वाले लोकसभा चुनावों से पहले एक बड़ा कदम उठाते हुए कांग्रेस ने प्रियंका गांधी वाड्रा को पूर्वी उत्तर प्रदेश का महासचिव बना दिया है। इसके साथ ही उन्हें पूर्वी उत्तर प्रदेश का प्रभार भी सौंपा गया है। आपको बता दें कि प्रियंका की मां सोनिया गांधी यूपीए की चेयरपर्सन हैं जबकि उनके भाई राहुल गांधी के हाथों में कांग्रेस की कमान है। राहुल बुधवार को अमेठी दौरे पर हैं, इसलिए प्रियंका को यह जिम्मेदारी दिए जाने के कई सियासी मायने निकाले जा रहे हैं।
इसके साथ ही कांग्रेस ने देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश पर बड़ा दांव खेल दिया है। प्रियंका गांधी को पूर्वी उत्तर प्रदेश का महासचिव बनाया गया है तो वहीं पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लिए ज्योतिरादित्य सिंधिया को महासचिव बनाया है। आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पूर्वी उत्तर प्रदेश की ही वाराणसी सीट से लोकसभा सांसद हैं। वहीं, प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी सूबे की कमान संभालने से पहले पूर्वी उत्तर प्रदेश में ही पड़ने वाले गोरखपुर से ही सांसद थे।
पार्टी के मुताबिक, प्रियंका गांधी फरवरी 2019 के पहले हफ्ते से अपनी जिम्मेदारी संभाल लेंगी। आपको बता दें कि प्रियंका लंबे इंतजार के बाद सक्रिय राजनीति में उतरने जा रही है। इससे पहले उन्हें कांग्रेस प्रत्याशियों के लिए चुनाव प्रचार करते देखा गया था लेकिन वह सक्रिय राजनीति से दूर थीं। कांग्रेस को उम्मीद है कि प्रियंका यूपी में पार्टी की रूठी किस्मत को मना सकती हैं और क्षेत्र के कांग्रेस कार्यकर्ताओं में नया जोश जगा सकती हैं।
वहीं, ज्योतिरादित्य सिंधिया को पश्चिमी उत्तर प्रदेश का महासचिव बनाया गया है। इससे पहले सिंधिया को मध्य प्रदेश में उपमुख्यमंत्री बनाए जाने की अटकलें थीं। अभी तक उत्तर प्रदेश के प्रभारी रहे गुलाम नबी आजाद को तत्काल प्रभाव से हरियाणा का प्रभारी बनाया है। पार्टी के वरिष्ठ नेता केसी वेणुगोपाल को संगठन महासचिव की जिम्मेदारी सौंपी गई है जो पहले की तरह कर्नाटक के प्रभारी की भूमिका निभाते रहेंगे। संगठन महासचिव की जिम्मेदारी संभाल रहे अशोक गहलोत के राजस्थान का मुख्यमंत्री बनने के बाद वेणुगोपाल की नियुक्ति की गई है।