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हुनर हाट, मछली, प्रवासी पक्षी: जानें, ‘मन की बात’ में PM मोदी ने क्या-क्या कहा

बता दें कि हाल ही में मोदी दिल्ली के हुनर हाट गए थे और वहां लिट्टी-चोखा का आनंद लिया था।

23rd February Mann Ki Baat Live Updates, Modi Mann Ki Baat, PM Modi in Mann ki Baat- India TV Hindi Prime Minister Narendra Modi on Sunday addressed the 62nd edition of the monthly programme 'Mann ki Baat' | PTI File

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' में भी हुनर हाट छाया रहा। रेडियो पर प्रसारित अपने मन की बात कार्यक्रम में रविवार को मोदी ने कहा कि हुनर हाट, शिल्पकारों के सपनों को पंख दे रहा है। उन्होंने कहा कि हुनर हाट ने शिल्पकारों की जिंदगी में व्यापक बदलाव किए हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि दिल्ली के हुनर हाट में एक छोटी सी जगह में देश की विशालता, संस्कृति, परंपराओं, खानपान और जज्बातों की विविधताओं का दर्शन होता है।

PM ने लिया था लिट्टी-चोखा का आनंद
बता दें कि हाल ही में मोदी दिल्ली के हुनर हाट गए थे और वहां लिट्टी-चोखा का आनंद लिया था। उन्होंने कहा, ‘हुनर हाट में समूचे भारत की कला और संस्कृति की झलक वाकई अनोखी थी। शिल्पकारों की साधना और हुनर के प्रति प्रेम की कहानियां भी प्रेरणादायी होती है। भारत को जानने के लिए जब भी मौका मिले इस तरह के आयोजनों में जरूर जाना चाहिए, आप ना सिर्फ देश की कला और संस्कृति से जुड़ेंगे, बल्कि आप देश के मेहनती कारीगरों की विशेषकर महिलाओं की समृद्धि में भी अपना योगदान दे सकेंगे।’


प्रवासी पक्षियों का किया जिक्र
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में भारत की जैविक विविधता और सर्दियों में हिन्दुस्तान आने वाले प्रवासी पक्षियों का जिक्र किया। उन्होंने कहा, ‘भारत पूरे साल कई प्रवासी प्रजाजियों का भी आशियाना बना रहता है और ये जो पक्षी आते हैं, 500 से भी ज्यादा, अलग-अलग प्रकार के और अलग-अलग इलाके से आते हैं। गर्व की बात है कि 3 सालों तक भारत सीओपी कन्वेंशन की अध्यक्षता करेगा, इस अवसर को कैसे उपयोगी बनायें, इसके लिए आप अपने सुझाव जरूर भेजें।’

खास मछली पर भी की बात
मोदी ने कहा कि हाल ही में जीवविज्ञानियों ने मछली की एक ऐसी नई प्रजाति की खोज की है जो केवल मेघालय में गुफाओं के अंदर पाई जाती है, यह मछली ऐसी गहरी और अंधेरी भूमिगत गुफाओं में रहती है, जहां रोशनी भी शायद ही पहुंच पाती है, यह भारत की जैव-विविधता को एक नया आयाम देने वाला है। उन्होंने कहा कि ये एक सुखद बात है कि हमारा भारत और विशेष तौर पर मेघालय एक दुर्लभ प्रजाति का घर है, हमारे आस-पास ऐसे बहुत सारे अजूबे हैं जो अब भी अंजान हैं, इन अजूबों का पता लगाने के लिए खोजी जुनून जरूरी होता है।

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