जाति नहीं, विचाराधार के आधार पर होगा राष्ट्रपति चुनाव: मीरा
"उच्च जाति वर्ग से ताल्लुक रखने वाले दो नेताओं के बीच भी पहले राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव हो चुका है, लेकिन उनकी जाति पर चर्चा नहीं की गई। इस बार जब दो दलित एक-दूसरे के खिलाफ लड़ रहे हैं, तो इसे लेकर हर जगह बहुत चर्चाएं हो रही हैं। मेरा मानना है कि ज
नई दिल्ली: राष्ट्रपति पद के लिए विपक्षी दलों की संयुक्त उम्मीदवार मीरा कुमार ने अपने और केंद्र सरकार के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद की जाति को लेकर हो रही चर्चा पर दुख व्यक्त करते हुए मंगलवार को कहा कि राष्ट्रपति चुनाव जाति के आधार पर नहीं, बल्कि विचारधारा के आधार पर होगा। मीरा कुमार ने हैरानी जताते हुए कहा कि दोनों राष्ट्रपति उम्मीदवारों की उपलब्धियों और योग्यताओं पर बहस के बजाय उनकी जाति पर बहस की जा रही है। ये भी पढ़ें: कैसे होता है भारत में राष्ट्रपति चुनाव, किसका है पलड़ा भारी, पढ़िए...
अपना नामांकन-पत्र दाखिल करने से एक दिन पहले पूर्व लोकसभा अध्यक्ष ने एक बार फिर कहा कि वह सामाजिक न्याय के मूल्यों, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, समावेशीकरण तथा जाति व्यवस्था के उन्मूलन के लिए लड़ेंगी। उन्होंने कहा, "उच्च जाति वर्ग से ताल्लुक रखने वाले दो नेताओं के बीच भी पहले राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव हो चुका है, लेकिन उनकी जाति पर चर्चा नहीं की गई। इस बार जब दो दलित एक-दूसरे के खिलाफ लड़ रहे हैं, तो इसे लेकर हर जगह बहुत चर्चाएं हो रही हैं। मेरा मानना है कि जाति को दफना दिया जाना चाहिए और इसे पूरी तरह से भुला दिया जाना चाहिए।"
मीरा कुमार ने कहा, "लोकतांत्रिक मूल्य, सामाजिक न्याय, पारदर्शिता, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, समावेशीकरण, जाति प्रथा की समाप्ति, गरीबी उन्मूलन उस विचारधारा का हिस्सा हैं, जो मेरे दिल के करीब है। इसी वजह से मैं इस विचारधारा को साथ लेकर प्रतिस्पर्धा करूंगी।"
मीरा कुमार ने खुद को राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार के तौर पर चुने जाने के लिए 17 विपक्षी राजनीतिक दलों का आभार जताया। कुमार ने कहा कि उन्होंने दो दिन पहले लिखे पत्र में निर्वाचक मंडल के सभी सदस्यों से अपने लिए समर्थन मांगा है।
मीरा कुमार 30 जून को अहमदाबाद में साबरमती आश्रम से अपना प्रचार अभियान शुरू करेंगी। उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि मुझे अहमदाबाद में साबरमती आश्रम से अपना चुनाव अभियान शुरू करना चाहिए। मैं वहां से शुरुआत करूंगी।"
साबरमती ही क्यों? इस पर मीरा ने कहा, "हमारे देश में हर कोई साबरमती का महत्व जानता है। साबरमती के संत (महात्मा गांधी) ने हमारे देश के स्वतंत्रता आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, इसलिए मैं वहां जाऊंगी।"
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के रुख के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, "राजनीति में ऐसी चीजें होती हैं। यह नया नहीं है। इस बारे में मुझे क्या करने की जरूरत है। मैं सही समय आने पर निर्णय लूंगी।" मीरा कुमार अपने अभियान के हिस्से के रूप में सभी राज्यों का दौरा करेंगी और विधायकों से मुलाकात करेंगी।
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