नयी दिल्ली: राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने आज कहा कि मीडिया के लिए खबरों में निष्पक्षता और सत्यता बनाए रखना बेहद जरूरी है, साथ ही उन्होंने इस बात पर अफसोस जताया कि व्यवस्था के खिलाफ रूख कुछ हद तक फैशन बन गया है। मुखर्जी ने एस्सल समूह के 90 वर्ष पूरा होने के अवसर पर आयोजित एक समारोह में कहा कि मीडिया की काफी दूर तक पहुंच है और इसका लोगों पर प्रभाव होता है। इसे रोजाना के जीवन में होने वाली सकारात्मक चीजों पर भी ध्यान देना चाहिए। (रमजान से पहले एकतरफा संघर्ष विराम की घोषणा करे भारत: फारूक अब्दुल्ला)
उन्होंने कहा, तथ्य और खबर एक ही होते हैं लेकिन इस पर विचार भिन्न हो सकते हैं। खबरों में निष्पक्षता और सत्यता बनाए रखना बेहद जरूरी है। राष्ट्रपति ने कहा, खबर एक है लेकिन विचार भिन्न हो सकते हैं पर खबरों में सच्चाई और शुद्धता की उम्मीद की जाती है। खबरें अलग हो सकती हैं, लेकिन तथ्य नहीं। आज, मेरे विचार से, व्यवस्था के खिलाफ रूख कोई अच्छा विकास नहीं है, कुछ हद तक, यह फैशन बन गया है।
उन्होंने मीडि़या से इस बात पर विचार करने के लिए भी कहा कि क्या वे व्यवस्था विरोधी हो कर समाज को कोई सकारात्मक योगदान दे रहे हैं। राष्ट्रपति ने महत्वपूर्ण बदलाव लाने वाली सूचना प्रौद्योगिकी एंव संचार के उचित इस्तेमाल पर भी जोर दिया। प्रौद्योगिकी का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि लेकिन अगर समाज चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार है, तो वह इसका सही इस्तेमाल कर सकता है।
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