नई दिल्ली: जदयू से निष्कासित नेता प्रशांत किशोर राजनीतिक रूप से बिहार में सक्रिय होना चाहते हैं, लेकिन वह अपनी संसदीय राजनीति की शुरुआत पश्चिम बंगाल से कर सकते हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक तृणमूल कांग्रेस प्रशांत किशोर को राज्यसभा में अपने कोटे से भेज सकती है। इस संदर्भ में जल्द ही फैसला लिया जाएगा।
गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल में राज्यसभा की 5 सीटें खाली हो रही है। पश्चिम बंगाल में अगले महीने होने वाले राज्यसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस नेतृत्व नए चेहरों को मौका देगी। जानकारी के मुताबिक, चार सीटों पर उम्मीदवारों का चयन लगभग कर लिया गया है। पांचवीं सीट पर उम्मीदवार के बारे में पार्टी ने अभी तक कोई फैसला नहीं लिया है।
विधानसभा में सीटों के वितरण के लिहाज से राज्यसभा की चार सीटें तृणमूल को मिलेंगी, लेकिन पांचवीं सीट पर माकपा-कांग्रेस और तृणमूल-कांग्रेस का कोई उम्मीदवार जीतेगा। खाली हो रही पांच सीटों में से चार सीटों पर फिलहाल जोगन चौधरी, मनीष गुप्ता, अहमद हसन इमरान और के. डी. सिंह हैं। ये चारों तृणमूल से हैं।
पांचवीं सीट पर ऋतब्रत बनर्जी हैं, जो 2014 में माकपा की उम्मीदवार के तौर पर निर्वाचित हुए थे, लेकिन पार्टी ने 2017 में उन्हें निकाल दिया था। तृणमूल सूत्रों की मानें तो एक को छोड़कर बाकी तीनों उम्मीदवारों की जगह पार्टी नए चेहरे उतार सकती है।
तृणमूल सूत्रों के मुताबिक, "राष्ट्रीय राजनीति में परिस्थितियों को देखते हुए और अधिक सक्रिय राजनेताओं और राज्यसभा सांसदों की आवश्यकता है। इसलिए प्रशांत किशोर को मौका मिल सकता है। खासकर तब जब प्रशांत किशोर ने भाजपा के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। इससे टीएमसी को राष्ट्रीय स्तर पर अपनी बात रखने में सहायता मिलेगी। बाकी बचे सीटों पर जिन लोगों को मौका मिल सकता है उन संभावितों में दिनेश त्रिवेदी, मौसम नूर के नाम शामिल हैं।"
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