नयी दिल्ली: पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के आरएसएस मुख्यालय में संबोधन के बाद कांग्रेस ने आज कहा कि मुखर्जी ने संघ को 'सच का आईना' दिखाया और नरेंद्र मोदी सरकार को 'राजधर्म' की याद दिलाई। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने संवाददाताओं से कहा, ''पूर्व राष्ट्रपति के आरएसएस मुख्यालय के दौरे को लेकर बड़ी चर्चा का विषय बन गया था। देश की विविधता और बहुलता में विश्वास करने वाले चिंता व्यक्त कर रहे थे। लेकिन आज मुखर्जी ने आरएसएस को सच का आईना दिखाया।''
उन्होंने कहा कि मुखर्जी ने आरएसएस को भारत के बहुलवाद, धर्मनिरपेक्षता और सहिष्णुता का पाठ पढ़ाया। सुरजेवाला ने कहा कि पूर्व राष्ट्रपति ने नरेंद्र मोदी सरकार को भी राजधर्म की याद दिलाई। कांग्रेस नेता ने सवाल किया कि क्या आरएसएस सुनने को तैयार है, क्या वह भारत की विविधता, बहुलता, धर्मनिरपेक्षता को स्वीकार करेगी? उन्होंने कहा कि मोहन भागवत को इसका जवाब देना चाहिए।
इससे पहले ‘‘राष्ट्र, राष्ट्रवाद और देशप्रेम’’ के बारे में आरएसएस मुख्यालय में अपने विचार साझा करते हुए पूर्व राष्ट्रपति एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रह चुके प्रणब मुखर्जी ने कहा कि भारत की आत्मा ‘‘बहुलतावाद एवं सहिष्णुता’’ में बसती है। मुखर्जी ने आरएसएस कार्यकर्ताओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि भारत में हम अपनी ताकत सहिष्णुता से प्राप्त करते हैं और बहुलवाद का सम्मान करते हैं। हम अपनी विविधता का उत्सव मनाते हैं।
उन्होंने प्राचीन भारत से लेकर देश के स्वतंत्रता आंदोलत तक के इतिहास का उल्लेख करते हुए कहा कि हमारा राष्ट्रवाद ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ तथा ‘सर्वे भवन्तु सुखिन:..’ जैसे विचारों पर आधारित है। उन्होंने कहा कि हमारे राष्ट्रवाद में विभिन्न विचारों का सम्मिलन हुआ है। उन्होंने कहा कि घृणा और असहिष्णुता से हमारी राष्ट्रीयता कमजोर होती है।
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