भोपाल: पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह द्वारा मंगलवार को राजधानी भोपाल में हुए संत समागम में दिए गए बयान के बाद हिंदू संगठनों में आक्रोश दिखाई दे रहा है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय के बयान के विरोध में आधी रात को भोपाल के मंदिरों में पोस्टर्स लगाए गए। संत समागम को संबोधित करते हुए दिग्विजय ने कहा था कि भगवा वस्त्र पहनकर ‘बलात्कार’ हो रहे हैं। उन्होंने कहा था कि लोग भगवा वस्त्र पहनकर मंदिरों में भी ‘बलात्कार’ कर रहे हैं। दिग्विजय सिंह के इस बयान के बाद पूरे देश में बवाल मच गया था।
बीजेपी नेताओं ने किया था कड़ा विरोध
बीजेपी के तमाम बड़े नेताओं ने भोपाल से लेकर दिल्ली तक दिग्विजय सिंह के इस बयान का कड़ा विरोध किया था। वहीं, अब ताजा मामले में बुधवार देर रात भोपाल के तमाम मंदिरों में दिग्विजय सिंह के खिलाफ इस तरीके के पोस्टर लगे दिखाई दिए। हालांकि सुबह तक इन पोस्टरों को हटा लिया गया था। इन पोस्टरों में मांग की गई थी कि मंदिरों के दरवाजे दिग्विजय सिंह के लिए बंद हों। इन पोस्टरों में निवेदक के रूप में हिंदू समाज लिखा हुआ है।
क्या कहा था दिग्गी राजा ने दिग्विजय ने कहा था, ‘भगवा वस्त्र पहनकर लोग चूरन बेच रहे हैं। भगवा वस्त्र पहनकर बलात्कार हो रहे हैं। मंदिरों में बलात्कार हो रहे हैं, क्या यही हमारा धर्म है? हमारे सनातन धर्म को जिन लोगों ने बदनाम किया है, उन्हें ईश्वर भी माफ नहीं करेगा।’ भोपाल से भारतीय जनता पार्टी के विधायक विश्वास सारंग ने कांग्रेस नेता के इस बयान की कड़ी निंदा करते हुए कहा था कि दिग्विजय सिंह सिर्फ हिंदू धर्म के बारे में बोलते हैं, उनके खिलाफ पूरे देश के तमाम साधु-संतों को सामने आना चाहिए और अपना विरोध दर्ज कराना चाहिए।
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