अहमदाबाद: राजनेता शंकर सिंह वाघेला के अचानक कांग्रेस छोड़ने के कारण गुजरात में राजनीतिक समीकरण बदलने की संभावना है जहां उन्होंने विधानसभा चुनाव से पहले खुद को एक तीसरे विकल्प के तौर पर पेश किया है।
हालांकि, राजनीतिक पर्यवेक्षकों के मुताबिक पूर्व मुख्यमंत्री ने अपनी भविष्य की योजनाओं का खुलासा नहीं किया है लेकिन उनके कांग्रेस छोड़ने से विपक्षी और साारूढ़ भाजपा दोनों चिंतित है।
दोनों पार्टियों में 77 वर्षीय वयोवृद्ध नेता के अगले कदम को लेकर अटकलें लगायी जा रही हैं और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के गृह राज्य में महत्वपूर्ण विधानसभा चुनावों में उनकी संभावनाओं का क्या प्रभाव पड़ेगा इसका आकलन किया जा रहा है।
जहां कांग्रेस की नजर करीब दो दशक तक विपक्ष में रहने के बाद सत्ता में वापसी पर टिकी हुई हैं वहीं भाजपा राज्य में अपनी सरकार बरकरार रखना चाहती है।
एक पर्यवेक्षक ने बताया कि मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बन जाने के कारण राज्य की राजनीति से दूर चले जाने के बाद गुजरात में भाजपा के पास जनाधार वाले नेता की कमी है। वाघेला के जाने के बाद कांग्रेस के पास भी जनाधार रखने वाला कोई नेता नजर नहीं आ रहा है।
शुक्रवार को अपने 77 वें जन्मिदन पर कांग्रेस छोड़ते हुए वाघेला ने कहा, आज, मैं खुद को कांग्रेस से और कांग्रेस को खुद से मुक्त करता हूं। साथ ही उन्होंने संकेत दिया कि वह स्वतंत्रतापूर्वक कुछ करेंगे। वाघेला के करीबी सूत्रों ने बताया कि वह अपने भविष्य की योजनाओं के बारे में खुलासा करेंगे।
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