PNB घोटाला: मोदी सरकार का कांग्रेस पर पलटवार, कहा- नीरव मोदी के कार्यक्रम में शामिल हुए थे राहुल गांधी
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने करोड़ों रुपये के पंजाब नेशनल बैंक (PNB) घोटाला मामले में शनिवार को कांग्रेस पर जमकर हमला बोला...
नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने करोड़ों रुपये के पंजाब नेशनल बैंक (PNB) घोटाला मामले में शनिवार को कांग्रेस पर जमकर हमला बोला। बीजेपी ने कांग्रेस पर झूठ फैलाने का आरोप लगाते हुए कहा कि यह घोटाला संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (UPA) सरकार के कार्यकाल के दौरान हुआ था। इधर, कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि PNB ने नीरव मोदी के साथ गारंटीपत्र जारी करने का समझौता मोदी सरकार के कार्यकाल में 2017 किया गया। कांग्रेस की तरफ से मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने कहा कि देश के चौकीदार सो रहे हैं और चोर देश छोड़कर भाग रहे हैं।
कांग्रेस के आरोपों का जवाब देते हुए केंद्रीय रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि भले ही नीरव मोदी देश से भागने में सफल रहा हो पर सरकार उसके खिलाफ कार्रवाई कर रही है। उन्होंने कहा, ‘हम घोटालेबाजों को देश से भागने में मदद नहीं कर रहे हैं बल्कि बीजेपी सरकार उन्हें पकड़ रही है।’ सीतारमण ने इस मामले में कांग्रेस पार्टी पर झूठ फैलाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि वह राहुल गांधी ही थे जिन्होंने नीरव मोदी के एक प्रचार कार्यक्रम में शिरकत की थी। उन्होंने एक वाकये का भी जिक्र किया जिसके अनुसार इलाहाबाद बैंक के एक सरकारी निदेशक ने गीताजंलि जेम्स के वित्तीय पुनर्गठन पर 2013 में सवाल उठाया था। उन्होंने कहा कि इसके बाद उस अधिकारी की बातों को रिकॉर्ड में शामिल किए जाने के बजाय उन्हें इस्तीफा देने को कह दिया गया।
उल्लेखनीय है कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने 143 गारंटीपत्रों को लेकर नयी प्राथमिकी दर्ज की है। इस प्राथमिकी के अनुसार, 4,866 करोड़ रुपये के ये गारंटीपत्र मेहुल चौकसी की 3 कंपनियों गीताजंलि जेम्स, नक्षत्र और गिली को 2017-18 के दौरान जारी किए गए थे। चौकसी, नीरव मोदी का रिश्तेदार है तथा 11,400 करोड़ रुपये के इस घोटाले में सह आरोपी है। एजेंसी ने इससे पहले 280 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी से संबंधित एक अलग मामला दर्ज किया था जो कि अब बढ़ता हुआ 6,498 करोड़ रुपये की गारंटीपत्र धोखाधड़ी में पहुंच चुका है। गारंटी पत्र एक प्रकार का आश्वासन पत्र होता है जो कि किसी एक बैंक द्वारा दूसरे बैंकों को जारी किया जाता है। इसके आधार पर बैंकों की विदेशी शाखाओं से खरीदार को ऋण की पेशकश की जाती है।