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असम-बंगाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कई योजनाओं का शिलान्यास करेंगे

प्रधानमंत्री 348 किलोमीटर लंबे डोभी-दुर्गापुर प्राकृतिक गैस पाइपलाइन खंड को देश को समर्पित करेंगे। यह प्रधानमंत्री ऊर्जा गंगा परियोजना का एक हिस्सा है। पीएमओ के बयान के मुताबिक यह उपलब्धि 'एक राष्ट्र, एक गैस ग्रिड' के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।

नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज को चुनावी राज्यों असम और पश्चिम बंगाल का दौरा करेंगे और इन राज्यों में विभिन्न योजनाओं की आधारशिला रखेंगे। साथ ही इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रमों को वह संबोधित भी करेंगे। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) की ओर से जारी एक बयान के मुताबिक मोदी असम में जहां दो अस्पतालों की आधारशिला रखेंगे और राज्य के राजमार्गो व प्रमुख जिलों की सड़कों के उन्नयन वाले ‘‘असोम माला’’ योजना की शुरुआत करेंगे वहीं पश्चिम बंगाल के हल्दिया में अधोसंरचना विकास से जुड़ी परियोजनाओं का शिलान्यास रखेंगे। इस साल मार्च-अप्रैल में दोनों राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं और पिछले एक पखवाड़े में प्रधानमंत्री का दोनों राज्यों का यह दूसरा दौरा होगा।

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पीएमओ के बयान के मुताबिक प्रधानमंत्री असम के सोनितपुर जिले के ढेकियाजुली में राज्य के राजमार्गों और प्रमुख जिला सड़कों के लिए समर्पित ‘‘असोम माला’’ का शुभारंभ करेंगे और विश्वनाथ तथा चराइदेव में 1100 करोड़ रुपये की लागत से 500 बिस्तरों की क्षमता वाले दो मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों की आधारशिला रखेंगे। इनमें एमबीबीएस की 100 सीटें होंगी।

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पश्चिम बंगाल में प्रधानमंत्री कई कार्यक्रमों में शिरकत करेंगे जिनमें भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन द्वारा निर्मित एलपीजी आयात टर्मिनल और दुर्गापुर प्राकृतिक गैस पाइप सेक्शन को राष्ट्र को समर्पित करना शामिल है। पीएमओ के मुताबिक इसकी क्षमता एक मिलियन मीट्रिक टन प्रति वर्ष है और यह पश्चिम बंगाल और पूर्वी तथा पूर्वोत्तर भारत के अन्य राज्यों में एलपीजी की बढ़ती आवश्यकता को पूरा करेगा। बयान में कहा गया कि यह हर घर को स्वच्छ रसोई गैस प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री के स्वप्न को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

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इसके अलावा प्रधानमंत्री 348 किलोमीटर लंबे डोभी-दुर्गापुर प्राकृतिक गैस पाइपलाइन खंड को देश को समर्पित करेंगे। यह प्रधानमंत्री ऊर्जा गंगा परियोजना का एक हिस्सा है। पीएमओ के बयान के मुताबिक यह उपलब्धि 'एक राष्ट्र, एक गैस ग्रिड' के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। लगभग 2400 करोड़ रुपये के निवेश से निर्मित इस पाइपलाइन खंड से हिन्दुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड सिंदरी (झारखंड) उर्वरक संयंत्र को पुनर्स्थापित करने में मदद मिलेगी।

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इससे दुर्गापुर (पश्चिम बंगाल) में मैटिक्स उर्वरक संयंत्र को भी आपूर्ति सुनिश्चित होगी और साथ ही राज्य के सभी प्रमुख शहरों में औद्योगिक, वाणिज्यिक तथा ऑटोमोबाइल क्षेत्रों की गैस मांग और शहर में गैस वितरण को पूरा करने का उद्देश्य भी इससे पूरा होगा। प्रधानमंत्री भारतीय तेल निगम की हल्दिया रिफाइनरी की दूसरी कैटेलिटिक-इसोडेवेक्सिंग इकाई की आधारशिला भी रखेंगे। इस इकाई की क्षमता प्रति वर्ष 270 हजार मीट्रिक टन होगी और एक बार इसके शुरू होने के बाद परिणामस्वरूप विदेशी मुद्रा में 185 मिलियन अमरीकी डॉलर की बचत होने की उम्मीद है।

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प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राजमार्ग 41 पर हल्दिया के रानीचक में चार लेन वाला आरओबी-कम-फ्लाईओवर भी राष्ट्र को समर्पित करेंगे। इसे 190 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया है। इस फ्लाईओवर के चालू होने से कोलाघाट से हल्दिया डॉक कॉम्प्लेक्स और आसपास के अन्य क्षेत्रों में यातायात की निर्बाध आवाजाही होगी, जिसके परिणामस्वरूप यात्रा के समय में काफी बचत होगी तथा बंदरगाह के भीतर और बाहर भारी वाहनों की परिचालन लागत में भी कमी आएगी। पीएमओ के मुताबिक ये परियोजनाएं पूर्वी भारत के विकास की प्रगति में प्रधानमंत्री मोदी के पूर्वोदय दृष्टिकोण के अनुरूप हैं।

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