नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 500 रुपये और 1000 रुपये के नोट अमान्य करने का अपना निर्णय वापस लेने की विपक्ष की मांग सोमवार को ठुकरा दी। उन्होंने कहा कि देश ने इस कदम का स्वागत किया है। सोमवार को कांग्रेस की अगुवाई में तृणमूल कांग्रेस, जनता दल युनाइडेट, वाम दलों, राष्ट्रीय जनता दल समेत कई विपक्षी दलों ने नोटबंदी के खिलाफ रणनीति पर चर्चा की थी।
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नोटबंदी पर विपक्ष की तीखी प्रतिक्रिया के बाद इस मसले पर एनडीए की भी अहम बैठक हुई, जिसमें यह तय किया गया कि विपक्ष के आगे झुकने का सवाल ही नहीं है और नोटबंदी को वापस नहीं लिया जाएगा। सूत्रों ने बताया कि मोदी ने भाजपा संसदीय दल की कार्यकारी बैठक में अपना यह रुख जाहिर किया। सूत्रों के अनुसार, प्रधानमंत्री ने बैठक में कहा कि देश ने इस कदम का स्वागत किया है, लेकिन विपक्ष इसे खत्म करने की साजिश रच रहा है। मोदी ने पार्टी सहयोगियों से कहा कि सरकार को विपक्ष के दबाव में झुकने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि पूरी ताकत से विपक्षी दलों का जवाब दिया जाना चाहिए।
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बैठक में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, वित्तमंत्री अरुण जेटली और संसदीय कार्यमंत्री अनंत कुमार के अलावा अन्य नेताओं ने हिस्सा लिया। यह बैठक बुधवार से शुरू हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र के लिए सरकार की रणनीति बनाने के लिए बुलाई गई थी। सरकार के इस रुख के बाद लग रहा है कि संसद का शीतकालीन सत्र काफी हंगामेदार रहने वाला है क्योंकि जहां कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दल नोटबंदी वापस लेने की मांग कर रहे हैं, वहीं सरकार भी अपने फैसले से पीछे हटने के मूड में नहीं दिखाई दे रही है।
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