गांधीनगर: गुजरात में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सियासत से दूर भक्ति के रंग में दिखे। पीएम ने गांधीनगर के अक्षरधाम मंदिर के सिल्वर जुबली फंक्शन में हिस्सा लिया। उन्होंने अक्षरधाम मंदिर के नए मयूरद्वार का उदघाटन किया... फिर भगवान नीलकंठ का जलाभिषेक किया। जलाभिषेक के बाद BAPS संस्था के अध्यक्ष महंत स्वामी महाराज ने मोदी को एक शॉल और पेन गिफ्ट किया। इसके बाद मोदी ने मंदिर में अक्षरधाम सनातनम लाइट एंड साउंड शो देखा।
लाइट एंड साउंड शो खत्म होने के बाद मोदी ने भगवान सहजानंद के दर्शन किए और आरती में भी हिस्सा लिया। प्रधानमंत्री के साथ गुजरात के चीफ मिनिस्टर और डिप्टी चीफ मिनिस्टर भी थे। स्वामी नारायण मंदिर के साथ मोदी का नाता बहुत पुराना है। मंदिर के पूर्व स्वामी के प्रति मोदी की जबरदस्त आस्था है। जब उनकी मृत्यु हुई थी तो मोदी उन्हें श्रद्धांजलि देने गए थे और उस मौके पर बात करते करते उनकी आंखों में आंसू आ गए थे।
पाटीदारों को मना पाएंगे मोदी ?
ज्यादातर पाटीदार स्वामीनारायण संप्रदाय को मानते हैं, इसके साथ साथ पिछड़े वर्ग के लोग भी इस संप्रदाय के साथ जुड़े हैं। जब इस मंदिर का निर्माण हो रहा था उस वक्त भी पीएम मोदी की इसमें सक्रिय भूमिका थी जबकि वो उस वक्त न तो पीएम थे और न ही सीएम। इसके अलावा पीएम गाहे बगाहे अक्षरधाम का दौरा भी करते रहते हैं।
पाटीदारों को मना पाएंगे मोदी ?
- स्वामीनारायण संप्रदाय की शुरुआत आणंद के बोचासन गांव में हुई, जो पटेलों का गढ़ है
- स्वामीनारायण संप्रदाय के करोड़ों समर्थकों में पाटीदारों की संख्या सबसे ज्यादा है
- स्वामीनारायण संप्रदाय की संस्था के मौजूदा प्रमुख खुद पटेल हैं
- दुनिया भर में स्वामीनारायण संप्रदाय के 1100 मंदिर हैं
- गुजरात में पटेलों की आबादी 15 फीसदी है
- 182 सीटों में से 80 पर पटेलों का प्रभाव है
- आरक्षण की मांग को लेकर पटेल समाज बीजेपी से नाराज़ है
- अक्षरधाम जाकर मोदी की पाटीदारों को मनाने की कोशिश
- गुजरात में 9 और 14 दिसंबर को चुनाव, 18 को नतीजे आएंगे
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