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कांग्रेस नेता करें Statue of Unity के दर्शन, प्रधानमंत्री मोदी ने राज्यसभा में कहा

प्रधानमंत्री ने राज्यसभा में कांग्रेस नेताओं से कहा कि वह गुजरात जाकर सरदार पटेल की मूर्ति Statue of Unity के दर्शन करें, उन्होंने राज्यसभा में कांग्रेस के नेता गुलाम नबी आजाद को कहा कि कुछ दिन गुजरात में बिताएं।

राज्यसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी।- India TV Hindi राज्यसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी।

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण पर हुई चर्चा के बाद जवाब देते हुए बुधवार को राज्यसभा में कांग्रेस पर जोरदार हमला बोला। इसके पहले उन्होंने लोकसभा चुनावों पर बोलते हुए कहा, 'यह चुनाव बहुत खास था, कई दशकों के बाद दोबारा एक पूर्ण बहुमत वाली सरकार बनना, भारत के मतदाताओं के मन में राजनीतिक स्थिरता का महात्मय क्या है, एक परिपक्व मतदाता की इसमें सुगंध दिखाई पड़ती है।' आपको बता दें कि प्रधानमंत्री ने मंगलवार को लोकसभा में भी कांग्रेस को निशाने पर लिया था।

‘पटेल पहले पीएम होते तो कश्मीर समस्या नहीं होती’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यसभा में देश के पहले गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल को भी याद किया। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘हम अभी भी मानते हैं कि सरदार साहब देश के पहले पीएम होते तो कश्मीर की समस्या नहीं होती। यह हमारा मानना है। सरदार साहब जीवन भर कांग्रेस लिए जिए, कांग्रेस के लिए जीवन समाप्त कर लिया। गुजरात में चुनाव होते हैं तो सरदार पोस्टर में दिखते हैं लेकिन लोकसभा चुनाव में नहीं। कांग्रेस के लोग स्टैचू ऑफ यूनिटी पर सरदार बल्लभ भाई पटेल को श्रद्धासुमन चढ़ा आएं।’ प्रधानमंत्री ने राज्यसभा में कांग्रेस नेताओं से कहा कि वह गुजरात जाकर सरदार पटेल की मूर्ति Statue of Unity के दर्शन करें, उन्होंने राज्यसभा में कांग्रेस के नेता गुलाम नबी आजाद को कहा कि कुछ दिन गुजरात में बिताएं। 

'क्या कांग्रेस की हार देश की हार है?'
वहीं, कुछ धड़ों द्वारा यह कहने पर कि 2019 के चुनावों में बीजेपी तो जीत गई लेकिन देश हार गया पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, '55-60 साल तक देश को चलाने वाला दल 17 राज्यों में एक भी सीट नहीं जीत पाया तो क्या इसका मतलब ये हुआ कि देश हार गया? क्या वायनाड में हिंदुस्तान हार गया था? क्या रायबरेली में हिंदुस्तान हार गया था? क्या बहरामपुर और तिरुअनंतपुरम में हिंदुस्तान हार गया था? क्या कांग्रेस हारी तो देश हार गया? अहंकार की एक सीमा होती है। इस तरह की भाषा बोलना देश के मतदाताओं को कठघरे में खड़ा करने जैसा है। यह देश के मतदाताओं का अपमान है।'

मीडिया पर हमलों पर भी बोले पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने जवाबी भाषण में चुनावों के बाद मीडिया पर बायस्ड होने के आरोपों पर कहा, 'हैरान हूं कि चुनाव में हार के बाद मीडिया को भी गालियां दी गईं। मीडिया के कारण चुनाव जीते जाते हैं क्या? मीडिया क्या बिकाऊ है? क्या केरल और तमिलनाडु में यह लागू होगा?' वहीं, इस बार लोकतंत्र में लोगों की आस्था पर बात करते हुए पीएम ने कहा, 'हम इस चुनाव को देखें तो 40-45 डिग्री तापमान के बाद भी लोग कतारों में थे। 80 साल के बुजुर्ग भी लाइनों में लगे थे। कितनी तपस्या के बाद चुनाव होता है और हम चुनाव पर सवाल उठाकर उनका अपमान कर डालते हैं।'

महिलाओं की भागीदारी पर भी बोले पीएम
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यसभा में कहा कि इस बार के लोकसभा चुनावों में महिलाओं ने भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। साथ ही उन्होंने इस तथ्य की तरफ भी ध्यान दिलाया की इस बार संसद में महिलाएं ज्यादा संख्या में चुनकर आई हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘अक्सर चुनावों में देखा जाता रहा था कि पुरुष मतदाताओं का अनुपात करीब 9 फीसदी तक ज्यादा होता था। इस बार यह अंतराल शून्य पर आ गया। चुनाव में महिलाओं ने बढ-चढ़कर भाग लिया। महिलाएं में ज्यादा संख्या में चुनकर संसद में आई हैं।’

EVM को लेकर विपक्ष पर यूं बरसे पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनो को मुद्दा बनाए जाने को लेकर भी विपक्ष को निशाने पर लिया। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘कभी हमारी संख्या 2 थी। हमारा मजाक बनाया जाता था। निराशाजनक वातावरण में विश्वास के बलबूते हमने पार्टी को खड़ा किया। हमने हार पर कभी विलाप नहीं किया। जब स्वयं पर भरोसा नहीं होता, सामर्थ्य का अभाव होता है। तब बहाने खोजे जाते हैं। ठीकरा ईवीएम पर फोड़ा जाता है। एक निरंतर प्रक्रिया है सुधार की। पहले का जमाना देख लीजिए क्या था। चुनाव के बाद अखबारों की हेडलाइन क्या होती थी। इतनी हिंसा हुई, इतने लोग मारे गए और इतने बूथ कैप्चर किए गए। आज हेडलाइन होती है कि पहले की तुलना में मतदान कितना बढ़ा है।’

प्रधानमंत्री ने बताया EVM का इतिहास
राज्यसभा में बोलते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने EVM का इतिहास तक बता दिया। प्रधानमंत्री ने कहा, '1977 में ईवीएम की चर्चा हुई। 1982 में पहली बार इसका प्रयोग किया गया। 1988 में इसी सदन के महानुभावों ने कानूनन इस बात की स्वीकृति दी। कांग्रेस के नेतृत्व में ईवीएम को लेकर नियम बनाए गए। आप हर गए इसलिए रो रहे हो। ये क्या तरीका है। इस ईवीएम से अब तक विधानसभा के 113 चुनाव हो चुके हैं, और यहां उपस्थित सभी दलों को उसी ईवीएम से जीतकर सत्ता में आने का मौका मिला। 4 लोकसभा के आम चुनाव हुए हैं। उसमें भी दल बदले हैं और आज हम पराजय के लिए कैसी बात कर रहे हैं। सारे परीक्षण के बाद ईवीएम पर सारी देश की न्यायपालिकाओं ने सही फैसला दिया है।'

‘EVM की हवा में हमारे लोग भी आ गए थे’
प्रधानमंत्री ने EVM के मुद्दे पर आगे बोलते हुए कहा, ‘चुनाव आयोग ने चुनौती दी थी। आज जो ईवीएम का यहां हल्ला कर रहे हैं। वह कोई गया नहीं। केवल दो दल गए NCP और CPI। बाकी लोग चुनाव आयोग के निमंत्रण के बाद भी नहीं गए। उस हवा में हमारे लोग भी आए गए थे। हम भी मानने लगे थे कि ईवीएम में गड़बड़ी है। हमने सारी चीजें समझीं और हमारी पार्टी में भी उस विचार को मानने वाले को समझाया गया कि वे गलत रास्ते पर हैं।’ इसके बाद कांग्रेस पर बड़ा हमला बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा, ‘2014 से मैं लगातार देख रहा हूं कि कांग्रेस पराजय को स्वीकार नहीं कर पा रही है। मध्य प्रदेश में क्या हुआ? अभी तो विजय हुई है। कांग्रेस जीत भी नहीं पचा पाती है और हार पचा पाने का सामर्थ्य उसमें नहीं है।’

‘एक देश, एक चुनाव’ पर भी बोले पीएम
‘एक देश, एक चुनाव’ के मुद्दे पर बोलते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ‘कांग्रेस एक देश, एक चुनाव के पक्ष में नहीं हैं। अरे चर्चा तो करिए। क्या ये समय की मांग नहीं है कि हमारे देश में कम से कम मतदाता सूची तो एक हो? आज देश का दुर्भाग्य है कि जितने चुनाव, उतने मतदाता सूची? चुनाव के रिफॉर्म अनिवार्य हैं। ये होते रहने चाहिए। कुछ लोग कहते हैं कि अगर साथ चुनाव होंगे तो रीजनल पार्टियां खत्म हो जाएंगी। जहां-जहां लोकसभा और विधानसभा चुनाव साथ हुए वहां प्रादेशिक पार्टियां जीती हैं। देश के मतदाताओं को समझ है, इसलिए उनकी समझ पर शक मत करिए। हर प्रयास का स्वागत होना चाहिए। लेकिन हम पहले ही दरवाजे बंद करें तो कभी बदलाव नहीं आता है।’

‘रुकावट डालने वालों को देशवासियों ने सजा दी’
प्रधानमंत्री ने विपक्ष द्वारा विभिन्न मुद्दों पर विरोधी रुख अख्तियार करने को लेकर कहा, ‘इसी सदन में विद्वान लोग बैठे थे, उन्होंने कहा था कि हमारे देश में डिजिटल ट्रांजैक्शन संभव नहीं है। जब हमने आधार से भ्रष्टाचार खत्म करना चाहते हैं तो वह गलत। हम महान भारत बनाना चाहते हैं तो तकनीक से कितना दूर रहेंगे। हम चीजों से भारते रहेंगे, जीएसटी, ईवीएम, वीमैप हर चीज में उसका विरोध। इस सदन में जिन दलों का व्यवहार पिछले पांच साल में रुकावट डालने का रहा है, अड़ंगे डालने का रहा है, उन सबको देशवासियों ने सजा दी है।’

कांग्रेस के ‘ओल्ड इंडिया’ पर ‘न्यू इंडिया’ वाले PM का जवाब
कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद के ‘ओल्ड इडिंया’ लौटाने वाली बात पर जवाब देते हुए पीएम ने कहा, ‘मैं हैरान हूं कि अब न्यू इंडिया का विरोध हो रहा है। देश के लोगों को निराशा की तरफ धकेलने का पाप न करें। हम आइडिया में सुधार करें, लेकिन एकदम विरोध करेंगे? ओल्ड इंडिया चाहिए, क्यों भाई, जहां कैबिनेट के निर्णय को पत्रकारों के बीच फाड़ दिया जाए, वैसा ओल्ड इंडिया चाहिए? हमें वो ओल्ड इंडिया चाहिए जो जल, थल, नभ में घोटाले से परेशान रहे?, हमें वो ओल्ड इंडिया चाहिए जो टुकड़े गैंग को समर्थन करने पहुंच जाए? पासपोर्ट के लिए महीनों तक इंतजार करना चाहिए, क्या हमें वो ओल्ड इंडिया चाहिए? इंटरव्यू के नाम पर करप्शन वाला इंडिया चाहिए?

झारखंड मॉब लिंचिंग पर भी बोले पीएम मोदी
प्रधानमंत्र नरेंद्र मोदी ने झारखंड मॉब लिंचिंग पर भी अपनी बात रखी। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘क्या झारखंड राज्य को दोषी बता देना सही है? जो बुरा हुआ है उसे अलग करें। लेकिन सबको कठघरे में रखकर राजनीति तो कर लेंगे। इसलिए पूरे झारखंड को बदनाम करने का हक हमें नहीं है। वहां भी सज्जनों की भरमार है। न्याय हो, इसके लिए कानूनी व्यवस्था है।’ प्रधानमंत्री ने आगे कहा, ‘जब दिल्ली की सड़कों पर गले में टायर लटकाकर सिखों को जिंदा जला दिया जाता था। जिनके नाम आए आज भी वो इस पार्टी में बड़े पदों पर हैं। उपदेश देने से पहले अपने घरों में झांकने की जरूरत है। तब हम ये सब चीजें भूल जाते हैं। ऐसे तो कई उदाहरण मिलेंगे।’

'बिहार का चमकी बुखार हमारी विफलताओं में शामिल'
प्रधानमंत्री ने बिहार के चमकी बुखार पर बोलते हुए कहा, 'बिहार का चमकी बुखार हमारी सबसे बड़ी विफलताएं में शामिल है। हम सबको इसको गंभीरता से लेना होगा। पूर्वी यूपी में अच्छी स्थिति नजर आ रही है पर बड़ा क्लेम नहीं कर सकते हैं। मुझे विश्वास है कि जो यह दुखद स्थिति है उससे जल्दी हम बाहर निकल जाएंगे। मैं राज्य सरकार से संपर्क में हूं। मैंने तुरंत अपने हेल्थ मिनिस्टर को वहां दौड़ाया। जितना जल्दी हो सके इससे लोगों को निकालेंगे। पोषण, टीकाकरण, आयुष्मान के जरिए लोगों को बाहर निकालने की कोशिश करेंगे। ऐसी समस्याओं से लोगों को बचाने के लिए काम करना होगा।'

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