मोदी के उपवास पर कांग्रेस ने कहा- प्रधानमंत्री जी, यह समय उपवास का नहीं, सेवानिवृत्ति का है
सुरजेवाला ने कहा, प्रधानमंत्री जी, आपकी विफलताओं को देखते हुए यह समय उपवास का नहीं है बल्कि यह समय सेवानिवृत्ति का है...
नई दिल्ली: कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसद नहीं चलने के मुद्दे पर उपवास करने को फोटो खिंचवाने वाला अवसर बताया और उन्नाव बलात्कार मामले को लेकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के इस्तीफे की मांग की। कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि प्रधानमंत्री की अगुवाई में भाजपा सांसदों का प्रस्तावित उपवास एक ‘ड्रामा’ है और समय आ गया है कि प्रधानमंत्री को ‘संन्यास’ (सेवानिवृत) ले लेना चाहिए।
उन्होंने कहा, “यह केवल फोटो खिंचवाने का अवसर है। भाजपा जब विपक्ष में थी तो वह संसद, लोकतंत्र के मंदिर को काम करने नहीं देती थी और जब वह सत्ता में आ गई है तब भी संसद में काम-काज नहीं होने देती है।” सुरजेवाला ने कहा, “प्रधानमंत्री जी, आपकी विफलताओं को देखते हुए यह समय उपवास का नहीं है बल्कि यह समय सेवानिवृत्ति का है। अगर आप अभी नहीं जगे तो आपको यह समझना चाहिए कि आपकी सेवानिवृत्ति का समय साल 2019 में आएगा जब लोग आपको वोट देकर बाहर करेंगे।”
वहीं, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने उत्तर प्रदेश के उन्नाव में 18 वर्षीय लड़की के साथ भाजपा के विधायक द्वारा कथित तौर पर बलात्कार के मामले को लेकर आज केंद्र सरकार पर हमला किया। उन्होंने संबंधित लड़की के पिता की हिरासत में हुई मौत को लेकर भी सरकार की निंदा की। राहुल ने ट्वीट किया, ‘‘उत्तर प्रदेश में अपनी बेटी के लिए न्याय की गुहार कर रहे एक पिता पर हुई बर्बरता ने मानवता को शर्मसार कर दिया है। आशा है कि प्रधानमंत्री जी भाजपा शासन में महिलाओं पर हो रहे अत्याचार, कानून तंत्र की विफलता और बढ़ती अराजकता के लिए भी जल्द ही उपवास रखेंगे।’’
उन्नाव में भाजपा विधायक पर बलात्कार का आरोप लगाने वाली लड़की के 50 वर्षीय पिता की इस सप्ताह की शुरुआत में हिरासत के दौरान मौत हो गई थी। कांग्रेस अध्यक्ष ने एक वीडियो भी साझा किया है, जिसमें लड़की के पिता भाजपा विधायक के खिलाफ बोलते नजर आ रहे हैं।
इस वीडियो को कई समाचार चैनलों ने दिखाया है। इसमें पीड़िता के पिता आरोप लगा रहे हैं कि उन्हें बेरहमी से भाजपा विधायक के भाई और अन्य ने पीटा। यह वीडियो वायरल हो गया है। सुरजेवाला ने कहा कि भाजपा नीत राज्यों में महिलाओं को न्याय मिलना मुश्किल हो गया है।