नई दिल्ली: संसद में लंबे समय से कायम गतिरोध का ठीकरा आज कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सिर पर फोड़ते हुए आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री की ‘हठधर्मिता’ इसके लिए जिम्मेदार है। साथ ही कांग्रेस ने संप्रग सरकार के शासनकाल के प्रगतिशील कानूनों का विरोध कर भारत की तरक्की की कहानी को तहस नहस करने के लिए भाजपा से माफी मांगने को कहा।
विपक्षी पार्टी ने मोदी द्वारा देश की वृद्धि को रोकने के लिए कांग्रेस द्वारा संसद का ‘दुरूपयोग’ करने का आरोप लगाए जाने के बाद यह पलटवार किया। दोनों सदनों में कार्यवाही बाधित रहने के कारण कई महत्वपूर्ण विधेयक लंबित हैं। कांग्रेस प्रवक्ता आनंद शर्मा ने कहा, ‘‘ यह भाजपा और प्रधानमंत्री मोदी हैं जो संसद में गतिरोध के लिए जिम्मेदार हैं।’ इसके साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि गतिरोध को दूर करने के लिए विपक्ष को किसी सार्थक वार्ता में शामिल नहीं किया गया।
उन्होंने कहा, ‘ प्रधानमंत्री हर चीज पर बोलते हैं लेकिन गतिरोध दूर करने के लिए उन्होंने किसी सार्थक चर्चा में विपक्ष को शामिल नहीं किया। प्रधानमंत्री संसद की कार्यवाही के संचालन के लिए न तो ईमानदार हैं और न ही गंभीर।’’ उन्होंने कहा, ‘ यह उनकी (मोदी ) हठधर्मिता है जो गतिरोध के लिए जिम्मेदार है। हम चाहते हैं कि संसद में कामकाज हो। हम सरकार से अपील कर चुके हैं कि वह नियम पुस्तिका को फिर से नहीं लिख सकती।’ उन्होंने संसद के बाहर यह बात कही।
वित्त मंत्री अरूण जेटली को आड़े हाथ लेते हुए आनंद शर्मा ने कहा, ‘ जेटली विपक्ष पर आरोप लगा रहे हैं। यह गलत है। विपक्ष ने कुछ मुद्दों को उठाया है।’’ जीएसटी के मुद्दे पर शर्मा ने आरोप लगाया कि सरकार नियमों की अनदेखी कर रही है। यह संविधान में संशोधन का मामला है। कुछ नियम और प्रक्रियाएं हैं और सदन फैसला करता है कि कौन सा विषय सदन में लिया जाए। कार्य मंत्रणा समिति इसका फैसला करती है।’
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