बाबा साहब ने जहर पीया और हमारे लिए अमृत छोड़ गए: PM मोदी
नई दिल्ली: देश में असहिष्णुता को लेकर छिड़ी बहस के बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज कहा कि उनकी सरकार के लिए भारत प्रथम एकमात्र धर्म है और संविधान एकमात्र पवित्र पुस्तक है और उनकी
नई दिल्ली: देश में असहिष्णुता को लेकर छिड़ी बहस के बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज कहा कि उनकी सरकार के लिए भारत प्रथम एकमात्र धर्म है और संविधान एकमात्र पवित्र पुस्तक है और उनकी सरकार सभी वर्गो और सभी धर्मो के लिए काम करने को प्रतिबद्ध है।
प्रधानमंत्री ने नरम रूख अपनाते हुए विपक्ष की सराहना करते हुए उस तक पहुंचने का प्रयास किया। उन्होंने संविधान की किसी प्रकार की समीक्षा की आशंका से इंकार करते हुए इन आरोपों को भ्रम फैलाना बताया और कहा कि ऐसा करना आत्महत्या करने जैसा होगा।
असहिष्णुता की बहस के बीच साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार का एक ही धर्म है इंडिया फर्स्ट, सरकार का एक ही धर्मग्रंथ है भारत का संविधान। मोदी ने साथ ही विपक्ष को भरोसे में लेने का प्रयास करते हुए कहा कि सत्तारूढ़ पक्ष बहुमत के जरिए जबरन फैसले थोपने में नहीं बल्कि सर्वसम्मति के जरिए काम करने में यकीन रखता है।
संविधान दिवस पर संविधान के प्रति प्रतिबद्धता जताने और डॉ बी आर अम्बेडकर की 125वीं जयंती के अवसर पर लेाकसभा में दो दिवसीय चर्चा का जवाब देते हुए मोदी ने कांग्रेस के इन आरोपों को खारिज किया कि राजग सरकार जवाहर लाल नेहरू जैसे नेताओं की भूमिका को कमतर करने का प्रयास कर रही है। उन्होंने अपने संबोधन में नेहरू की सराहना भी की।
सदन में हुई चर्चा में विपक्षी सदस्यों ने इन मुद्दों पर प्रधानमंत्री की चुप्पी पर सवाल उठाए थे। लेकिन अपने 70 मिनट के संबोधन में मोदी ने विशेष रूप से कथित असहिष्णुता से पैदा हुई घटनाओं का कोई जिक्र नहीं किया। मोदी ने कहा कि भारत विविधताओं से भरा देश है जहां ईश्वर को मानने वाले और उसे नकारने वाले भी रहते हैं। यहां सभी जीवंत 12 धर्मों को मानने वाले लोग रहते हैं। हमारे यहां 1200 भाषाएं और 1600 से अधिक बोलियां बोली जाती है। सबकी अपनी अलग अलग प्राथमिकताएं हैं।
उन्होंने कहा कि बाबा साहब की महानता इस बात से स्पष्ट होती है कि सरकार पर प्रहार करने, सरकार द्वारा अपना बचाव करने के लिए या अपनी तटस्थता स्पष्ट करने के लिए भी उनको उद्धृत किया जाता है। मोदी ने कहा, विचार एक ही है लेकिन हर खेमें के लोगों के काम में आता है।
मोदी ने कहा कि बाबा साहब ने जीवन में कठिनाइयां, यातनाएं, अपमान सहे लेकिन उनमें बदले का भाव कभी नहीं आया बल्कि सबको जोड़ने और समाहित करने का प्रयास किया। यह बाबा साहब की महानता है कि सारे जहर पी लिये और हमारे लिए अमृत छोड़ गए।